Budget 2022 Expectations : एमके वैल्थ मैनेजमेंट (Emkay Wealth Management) के रिसर्च हेड जोसफ थॉमस (Joseph Thomas) का मानना है कि सरकार का आगामी बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर बना रहेगा। उन्होंने कहा कि इस एक सेक्टर में हो रही प्रगति भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की आगे की दिशा तय करेगी। यही वजह है कि आरबीआई के डिपार्टमेंट ऑफ एक्सटर्नल इन्वेस्टमेंट एंड ऑपरेशंस के पूर्व करंसी स्पेशलिस्ट थॉमस हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को लेकर खासे बुलिश हैं।
इन्फ्रा से तय होगी इकोनॉमी की दिशा
मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में जोसफ थॉमस ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर में होने वाले विकास से भारतीय इकॉनोमी की आगे की दिशा तय होगी। इसके साथ ही फॉरेन इनवेस्टर्स फिस्कल कंसॉलिडेशन के स्तर पर भी गौर करेंगे, जिसे हासिल करने का प्रस्ताव है।
हाउसिंग के संबंध में थॉमस ने कहा कि यह इन्फ्रास्ट्रक्चर का अहम अंग है, जिसके निर्बाध रूप से जारी रहने का अनुमान है। उन्होंने भरोसा जताया कि हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां रियल्टी सेक्टर को गति देने के लिए अच्छा काम कर सकती हैं और अगले एक साल में इससे जुड़े सभी सेक्टरों की ग्रोथ अच्छी रह सकती है।
हेल्थकेयर सेक्टर में 10 साल तक ग्रोथ की संभावना
हेल्थकेयर सेक्टर पर उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद फार्मा, हेल्थकेयर, डायग्नोस्टिक्स और अस्पतालों की पूरी रेंज पर जोर बढ़ गया है। उन्होंने कहा, “इस सेक्टर की वैल्युएशन महामारी से पहले के दौर की तरह खासी आकर्षक हो गई हैं। हालांकि, हम इस सेक्टर में कुछ करेक्शन आता देखते हैं।” उन्होंने कहा, प्रिवेंटिव हेल्थकेयर के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ने से डायग्नोस्टिक्स सेक्टर को सपोर्ट मिलता रहेगा और ग्रोथ व प्रॉफिटेबिलिटी के लिहाज से इस सेक्टर में अगले पांच से 10 साल में संभावनाएं बनी रह सकती हैं।
बैड बैंक से बैंकों को मिलेगी राहत
एनपीए और बैड बैंक के संबंध में थॉमस ने कहा कि बैंकों को बैड एसेट्स से राहत देने में बैड बैंक की एक भूमिका है। इससे बैंकों की पूंजी मुक्त होती है और इससे उन्हें ज्यादा कर्ज देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, एनपीए की रिकवरी रेट 20 से 25 फीसदी तक रहेगी, लेकिन इससे बेहतर नहीं होगी। इसके अलावा ज्यादा फंडिंग की भी समस्या है, जो सरकार की ओर से आनी चाहिए जिससे बैड बैंक ज्यादा व्यवहार्य हो सकें।
उन्होंने कहा कि प्राइवेट बैंक की वैल्यू उचित है और डिजिटलीकरण में बढ़ोतरी व रिटेल क्रेडिट पर जोर के साथ इस कैटेगरी के शीर्ष बैंक अच्छी बेट हैं। शीर्ष तीन या चार पीएसयू बैंक भी पोर्टफोलियो के लिए अच्छे हो सकते हैं।
एलआईसी के डिसइनवेस्टमेंट में आ सकती है तेजी
डिसइनवेस्टमेंट के संबंध में उन्होंने कहा एयर इंडिया के बाद बीपीसीएल और कॉनकोर के साथ-साथ एलआईसी के डिसइनवेस्टमेंट में तेजी आ सकती है। एलआईसी की हिस्सेदारी इसी वित्त वर्ष में बिकने का अनुमान है। नॉन डेट रिसीट्स से न सिर्फ सरकार के फाइनेंसेस को मजबूती मिलेगी, बल्कि बजट टारगेट्स को आंशिक रूप से हासिल करने में मदद मिलेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि ये सभी ट्रांजैक्शंस मार्केट कंडीशन और ट्रेड यूनियंस की तरफ से संभावित विरोध जैसे फैक्टर्स पर निर्भर हैं, इसलिए पीएसयू के लिए सही टाइमलाइन बताना मुश्किल हो सकता है।
एविएशन सेक्टर में बढ़ रहा है कॉम्पिटीशन
एविएशन सेक्टर पर थॉमस ने कहा, निश्चित रूप से इस सेक्टर में कॉम्पिटीशन बढ़ रहा है इसलिए मार्केट शेयर हासिल करने के बजाय विस्तार पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए। वहीं सरकार के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर से मौजूदा एयरपोर्ट्स की क्षमता में विस्तार के साथ ही ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट की क्षमता को बढ़ावा मिल सकता है।