Budget 2023: अरविंद पनगढ़िया की यह सलाह वित्तमंत्री ने मान ली तो टैक्सपेयर्स में मचेगा हड़कंप

Budget 2023: पर्सनल इनकम टैक्स की अभी जो व्यवस्था है, उसमें टैक्सपेयर्स को अलग-अलग सेक्शन के तहत एक दर्जन से ज्यादा तरह के टैक्स बेनेफिट मिलते हैं। इससे उनकी टैक्स लायाबिलिटी काफी घट जाती है। अरविंद पनगढ़िया का मानना है कि यूनियन बजट 2023 में फाइनेंस मिनिस्टर को ज्यादातर एग्जेम्प्शन खत्म करने का ऐलान करना चाहिए

अपडेटेड Jan 31, 2023 पर 12:45 PM
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नीति आयोग के पूर्व वाइस-चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया (Arvind Panagariya ) ने कहा है कि यह पर्सनल इनकम टैक्स के नियमों को आसान बनाने और एग्जेम्प्शन खत्म करने के लिए सही समय है।

Union Budget 2023: नीति आयोग के पूर्व वाइस-चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया (Arvind Panagariya ) ने कहा है कि यह पर्सनल इनकम टैक्स के नियमों को आसान बनाने और एग्जेम्प्शन खत्म करने के लिए सही समय है। यूनियन बजट 2023 (Budget 2023) से ठीक पहले अगर उनकी इस सलाह पर फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अमल करती हैं तो इससे टैक्सपेयर्स के बीच हड़कंप मच जाएगा। इसकी वजह यह है कि पर्सनल इनकम टैक्स के अभी जो नियम हैं, उसमें टैक्सपेयर्स को कई तरह के टैक्स बेनेफिट मिलते हैं। इससे उन पर इनकम टैक्स का बोझ कम हो जाता है। अभी 9-10 लाख रुपये सालाना इनकम वाला कोई व्यक्ति अगर इनकम टैक्स एक्ट के अलग-अलग सेक्शन के तहत मिलने वाले टैक्स बेनेफिट का पूरा इस्तेमाल करता है तो उसकी टैक्स लायबिलिटी करीब जीरो हो जाती है। पनगढ़िया ने मनीकंट्रोल के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में फाइनेंस मिनिस्टर को यह सलाह दी।

सभी नहीं तो ज्यादातर बेनेफिट खत्म करने की जरूरत

पनगढ़िया ने कहा कि यह पर्सनल इनकम टैक्स में एग्जेम्प्शन खत्म करने का सही वक्त है। अगर सरकार सभी एग्जेम्प्शंस खत्म नहीं कर सकती तो वह कुछ को छोड़ बाकी सभी को खत्म कर सकती है। सरकार कॉर्पोरेट टैक्स के मामले में ऐसा कर चुकी है। अगर सरकार रेवेन्यू पर पड़ने वाले असर को लेकर फिक्रमंद है तो वह 4-5 टैक्स रेट्स की शुरुआत कर सकती है। उन्होंने कहा कि 1 फरवरी को पेश होने वाले यूनियन बजट में सरकार को इस बारे में ऐलान करना चाहिए।


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अभी सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर लगता है टैक्स

उन्होंने कहा कि सरकार को यूनियन बजट 2023 में टैक्सपेयर्स के लिए एग्जेम्प्शन-फ्री ऑप्शन का ऐलान करना चाहिए। इसमें टैक्स रेट्स कम रखना चाहिए। अभी सालाना 2.5 लाख रुपये तक की इनकम को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। यह सीमा इनकम टैक्स की पुरानी और नई रीजीम दोनों के लिए है। करीब 8-9 साल से बेसिक एग्जेम्प्शन की इस लिमिट में बदलाव नहीं किया गया है।

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बिबेक देबरॉय भी एग्जेम्प्शन घटाने की सलाह दे चुके हैं

नीति आयोग के पूर्व वाइस-चेयरमैन ने यह भी कहा कि इंडिया में इनवेस्टमेंट डिमांड और कंजम्प्शन बहुत स्ट्रॉन्ग हैं। हमने देखा है कि जीडीपी और इनवेस्टमेंट का अनुपात पिछली कुछ तिमाहियों से लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वह सरकार को खर्च और बढ़ाने की सलाह नहीं देंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवायजरी कॉउंसिल के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने भी कहा था कि यूनियन बजट 2023 में कम एग्जेम्प्शन वाले डायरेक्ट टैक्स सिस्टम का ऐलान करना चाहिए।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Jan 28, 2023 9:38 AM

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