Interim Budget 2024 : ऑटो कंपनियों का मानना है कि सरकार को 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने की पॉलिसी जारी रखनी चाहिए। इसके अलावा बुनियादी ढांचा विकसित करने की तेज रफ्तार जरूरी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश करेंगी। मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ संतोष अय्यर ने कहा कि उम्मीद है कि अंतरिम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की परियोजनाओं पर पूंजीगत खर्च जारी रहेगा। सरकार को हरित परिवहन को बढ़ावा देने की अपनी पॉलिसी पर भी फोकस बनाए रखने की जरूरत है। इससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बजट 2024 लग्जरी कार पर टैक्स घटने की उम्मीद
अय्यर ने कहा कि लग्जरी कार उद्योग का जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में प्राथमिकता के आधार पर शुल्क ढांचे और जीएसटी रेट्स में बदलाव करने की जरूरत। हालांकि उन्होंने कहा कि आगामी बजट में किसी बड़े ऐलान की उम्मीद नहीं है। अभी लग्जरी कार पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है। सेडान पर 20 फीसदी और एसयूवी पर 22 फीसदी का अतिरिक्त उपकर लगता है। ऐसे में इन वाहनों पर कुल टैक्स करीब 50 फीसदी हो जाता है।
ऑटो सेक्टर में क्लीन एनर्जी पर फोकस जारी रहने की उम्मीद
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के उप-प्रबंध निदेशक (कॉरपोरेट योजना, वित्त एवं प्रशासन और विनिर्माण) स्वप्नेश आर मारू ने कहा कि ऑटो कंपनियों को भरोसा है कि सरकार अर्थव्यवस्था और परिवहन क्षेत्र में क्लीन फ्यूल का इस्तेमाल बढ़ाने की अपनी कोशिश जारी रखेगी। हमें जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता घटानी होगी। जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक रघुपति सिंघानिया ने कहा कि वाहन क्षेत्र के लिए सतत नीतियों से इस क्षेत्र का विस्तार होगा।
फेम के जरिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर फोकस बनाए रखने की जरूरत
महिंद्रा लास्ट माइल मोबिलिटी की प्रबंध निदेशक एवं सीईओ सुमन मिश्रा ने कहा कि समावेशी आय सृजन, इलेक्ट्रिक तिपहिया और वाणिज्यिक वाहनों के जरिये लोग वित्तीय रूप से सशक्त हो रहे हैं। हम बजट में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और विनिर्माण (फेम) की योजना के जरिये इस क्षेत्र को प्राथमिकता देने की उम्मीद करते हैं। पीएचएफ लीजिंग लि. के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शल्य गुप्ता ने कहा कि सरकार 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध है। ऐसे में हल्के वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहन (ईएलसीवी) न केवल रोजगार प्रदान कर रहे हैं, बल्कि कम उत्सर्जन के समाधान की भी भूमिका निभा रहे हैं।