केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आम बजट पेश कर दिया है। इस बजट में किसानों के लिए कई अहम ऐलान किए गए हैं। उनको नेचुरल फार्मिंग से लेकर डिजिटाइजेशन तक का ध्यान रखा गया है। सरकार ने भूमि सुधार की दिशा में अहम कदम उठाया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि प्रशासन, शहरी नियोजन, उपयोग और भवन उपनियमों में सुधार को लेकर प्रतिबद्ध है। ग्रामीण क्षेत्रों की सभी भूमि को विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या दी जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भूमि को पहचान संख्या मिलेगी। जिसे भू-आधार (Bhu-Aadhaar-ULPIN) के नाम से पहचान जाता है। भूमि की पहचान संख्या के साथ-साथ सर्वे, मैपिंग, मालिकाना हक और किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इससे उन्हें लोन लेने में सहूलियत मिलेगी।
भूमि रजिस्ट्रेशन दफ्तर बनाए जाएंगे
वित्त मंत्री ने बजट 2024 भाषण में कहा कि भूमि सुधार की दिशा में बढ़ते हुए शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड का जीआईएस मैपिंग के साथ डिजीटलीकरण किया जाएगा। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में भू-प्रशासन, शहरी नियोजन, उपयोग और भवनों से संबंधित उप-नियम में सुधार का प्रस्ताव है। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी जमीनों को एक यूनीक भूखंड पहचान संख्या दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि रजिस्ट्रेशन कार्यालय बनाए जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में आगे कहा कि केंद्र सरकार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि सुधारों को लागू करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी। केंद्र सरकार राज्यों को इन सुधारों को समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इसके लिए वित्तीय सहायता भी मुहैया कराएगी।
दरअसल, ULPIN या भू-आधार एक 14-अंकों का विशिष्ट पहचान संख्या है। इसे डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (Digital India Land Records Modernization Program - DI-LRMP) के तहत भारत में भूमि के प्रत्येक भूखंड को जारी किया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2008 में हुई थी।