Budget 2024: भारत देश में रिटेल कारोबार एक अहम भूमिका निभा रहा है। छोटे व्यापारियों के लिए बड़ी समस्या जीएसटी को लेकर रही है। जीएसटी आने के इतने सालों के बाद भी व्यापारी इसके साथ तालमेल नहीं बैठा पाया है। देश में जल्द चुनाव होने वाले हैं। चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत का नारा दिया है, विकिसत देश के सपने को पूरा करने के लिए जीएसटी को आसान और गांव के छोटे व्यापारी को भी डिजिटल पेमेंट से जोड़ना होगा। 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट से ट्रेडर्स एसोसिएशन की मांगों को लेकर हमारे साथ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रमुख प्रवीण खंडेलवाल जी ने बातचीत की।
जीएसटी टैक्स सिस्टम में बदलाव की जरूरत
देश में जीएसटी आए कई साल बीत चुके हैं लेकिन जीएसटी आने के इतने सालों बाद भी व्यापारी वर्ग इसके साथ तालमेल नहीं बैठा पाया है। जीएसटी के टैक्स सिस्टम और प्रोसे काफी मुश्किल रहा है। कई बार इसमें जीएसटी जम करने वालों से ज्यादा नहीं जमा करने वाला फंसता है। ट्रेडर्स की वित्तमंत्री से मांग है कि सरकार इसमें बदलाव लेकर और जीएसटी को आसान बनाया जाए। साथ ही जीएसटी रिफंड के लिए स्पेशल कोर्ट बने जो फंसे हुए मामलों को 45 दिन में निपटा सके।
देश में दुकान खोलने के लिए एक लाइसेंस की हो जरूरत
अभी देश में एक दुकान खोलने के लिए भी कई लाइसेंस लेने पड़ते हैं। एक छोटे व्यापारी के लिए दुकान खोलना इतना आसान नहीं है। ट्रेडर्स एसोसिएश की मांग है कि सरकार ऐसा सिस्टम लेकर आए जिसमें दुकान खोलने के लिए सिर्फ एक लाइसेंस ही लेना पड़े। जैसे आज के समय में आधार सभी जगह जरूरी है, वैसा ही सिस्टम दुकान खोलने के लिए हो। देश में व्यापार करने के लिए कई लाइसेंस की जरूरत होती है। ऐसा होना चाहिए कि एक ही लाइसेंस की जरूरत पड़े।
ई-कॉमर्स पॉलिसी लाए जाने की जरूरत
देश में ई-कॉमर्स पॉलिसी और नेशनल रिटेल ट्रेड पॉलिसी बजट में लाने की जरूरत है। ताकि, देश में ट्रेड करने के सही नियम बन सके। अभी तक केंद्र सरकार ने रिटेल को लेकर कई नियम बनाएं लेकिन राज्य सरकारों की तरफ से कोई सही योजना नहीं बनी है। राज्य सरकारों को भी रिटेल ट्रेड वेलफेयर बोर्ड बनाए जाने की जरूरत है। ताकि, गांवों के छोटे व्यापारी को भी डिजिटल पेमेंट से जोड़ा जा सके। देश में गांव में बैठा व्यापारी भी आसानी से कारोबार कर सकें और डिजिटल प्लेटफॉर्म का हिस्सा बन सके।