Budget 2024: संसद का बजट सत्र 22 जुलाई को शुरू हो रहा है। मंगलवार 23 जुलाई को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट पेश करेंगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में दिन के 11 बजे बजट पेश करेंगी। क्या आपको पता है कि एक समय बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था। बजट बाद में शाम को 5 बजे की जगह सुबह 11 बजे पेश किया जाने लगा। क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया गया? यहां आपको बजट से जुड़े कई अहम बातें बता रहे हैं।
बजट का समय क्यों और कब बदला गया?
1999 तक केंद्रीय बजट फरवरी के आखिरी दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था। यह ब्रिटिश-भारत की परंपरा थी, जिसे आजादी के बाद भी नहीं बदला गया। यह जानना भी बेहद दिलचस्प है कि शाम 5 बजे बजट प्रेश करने का समय कहां से आया। ब्रिटिश समय में बजट सुबह 11 बजे (स्थानीय समय) पेश किया जाता था, जो भारत में शाम 5 बजे होता था क्योंकि भारतीय समय क्षेत्र ब्रिटिश ग्रीष्मकालीन समय से 4.50 घंटे आगे है।
1999 में बदला बजट पेश करने का समय
1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सुझाव दिया कि केंद्रीय बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाना चाहिए। जैसा कि ब्रिटिश समय (colonial era) में हुआ करता था। बदलाव के पीछे विचार यह था कि इससे संख्याओं के बेहतर विश्लेषण के लिए पर्याप्त समय मिलेगा जिसके परिणामस्वरूप अधिक जानकारी से भरी बहस और चर्चा होगी। सिन्हा ने ब्रिटिश परंपरा को तोड़ते हुए, स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार 1999 का केंद्रीय बजट सुबह 11 बजे पेश किया और तब से हर साल केंद्रीय बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है।
आम बजट से रेलवे बजट को किया गया अलग
सिर्फ बजट की तारीख ही नहीं जेटली ने रेलवे के लिए अलग बजट पेश करने की 92 साल पुरानी ब्रिटिश परंपरा को भी खत्म कर दिया, उन्होंने 2017 में रेलवे बजट को केंद्रीय बजट में मिला दिया। पहले रेलवे बजट अलग पेश किया जाता था। ये आम बजट से दो दिन पहले पेश किया जाता था। ये परंपरा भी खत्म कर दी गई।