Budget 2024: बजट में जीएसटी को लेकर बदेलगा नियम? CGST के तहत जमा किए अतिरिक्त टैक्स का नहीं मिलता है रिफंड

Budget 2024: जीएसटी काउंसिल ने जून में आयोजित अपनी 53वीं बैठक में सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स 2017 (CGST Act) में धारा 11A को जोड़ने की सिफारिश की। यह धारा सरकार को जीएसटी की गैर-उगाही या कम उगाही को नियमित यानी रेगुलराइज करने की शक्तियां देगी, जहां समान्य तौर पर टैक्स का भुगतान कम किया जाता है या नहीं कहा जाता है। अभी यह धारा लागू नहीं हुई है

अपडेटेड Jul 14, 2024 पर 2:12 PM
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Budget 2024: CGST Act में धारा 11A जोड़ने से मुकदमेबाजी भी कम हो सकती है

- बृजेश कोठारी और सौंदर्या सिन्हा

Budget 2024: जीएसटी काउंसिल ने जून में आयोजित अपनी 53वीं बैठक में सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स 2017 (CGST Act) में धारा 11A को जोड़ने की सिफारिश की। यह धारा सरकार को जीएसटी की गैर-उगाही या कम उगाही को नियमित यानी रेगुलराइज करने की शक्तियां देगी, जहां समान्य तौर पर टैक्स का भुगतान कम किया जाता है या नहीं कहा जाता है। अभी यह धारा लागू नहीं हुई है। हालांकि जीएसटी काउंसिल ने नियमों की एक से अधिक व्याख्या और भ्रम की स्थिति को देखते हुए, कुछ खास वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी को रेगुलराइज करने के लिए स्पष्टीकरण जारी करने की सिफारिश की है।

ऐसा लगता है कि काउंसिल ने इस धारा के लिए सेंट्रल एक्साइज एक्ट 1994 की धारा 11C से प्रेरणा ली है। इस धारा से इंडस्ट्री को न सिर्फ मार्गदर्शन मिलेगा, बल्कि मुकदमेबाजी भी कम होगी।


हालांकि एक मुद्दा अभी भी है। CGST के तहत जिन टैक्सपेयर्स ने खुद से या अधिकारियों के कहने पर अधिक टैक्स चुकाया है, उन्हें इस तरह से चुकाए गए टैक्स के रिफंड क्लेम करने की इजाजत नहीं है। यह सेंट्रल एक्साइज एक्ट की धारा 11C की तुलना में एक बड़ा अंतर है, जहां वस्तुओं पर चुकाए गए अतिरिक्त टैक्स को नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख से छह महीने के भीतर रिफंड के तौर पर क्लेम किया जा सकता है।

CGST एक्ट की धारा 11A के लागू होने के बाद सरकार को नोटिफिकेशन जारी करने के लिए कुछ मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत पड़ सकती है।

- CGST एक्ट के नियम 96(10) के अनुसार, इनपुट या कैपिटल गुड्स के इंपोर्ट पर भुगतान किए इंटीग्रेटेड टैक्स के रिफंड की मांग। खासतौर से 13 अक्टूबर 2017 से 8 अक्टूबर 2018 की अवधि के लिए।

- आंतरिक रूप से पैदा की गई सेवाओं, कॉरपोरेट गारंटी और विदेशी कर्मचारियों के अस्थायी ट्रासंफर से जुड़े मुद्दों पर टैक्स के भुगतान की मांग, जहां सर्कुलर के जरिए स्पष्टीकरण जारी करने की तारीख तक CGST एक्ट की धारा 28(1) के दूसरे प्रावधान के अनुसार इनपुट टैक्स क्रेडिट पूरी तरह से उपलब्ध नहीं है।

फिलहाल इंडस्ट्री एक ऐसे प्रावधान के लागू होने की उम्मीद कर रहा है जो अतिरिक्त भुगतान किए गए टैक्स के रिफंड की इजाजत देता है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि टैक्सपेयर्स के साथ किसी भी टैक्स डिमांड को चुनौती देने की उनकी इच्छा के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकेगा। आगामी 23 जुलाई को बजट के साथ फाइनेंस बिल भी पेश किया जाएगा, जिसमें प्रावधान में इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों के आधार पर इस मुद्दे पर स्पष्टता की उम्मीद की जा सकती है।

(बृजेश कोठारी, खेतान एंड कंपनी में पार्टनर हैं और सौंदर्या सिन्हा एसोसिएट हैं। लेखक के विचार निजी हैं और ये मनीकंट्रोल के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)

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First Published: Jul 14, 2024 2:12 PM

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