Budget 2024 : परंपरा को देखते हुए 1 फरवरी को पेश होने वाले Interim Budget में पॉलिसी से जुड़े किसी बड़े खर्च के ऐलान होने की उम्मीद नहीं है। इस बीच सरकार के फाइनेंस खासकर फिस्कल डेफिसिट के मैनेजमेंट और कर्ज की स्थिति का आकलन करना दिलचस्प होगा। सरकार के इनवेस्टमेंट में 10.3 फीसदी ग्रोथ की बदौलत वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ 7.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। यह RBI के संशोधित 7 फीसदी ग्रोथ के अनुमान से ज्यादा है। यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (World bank) के अनुमान से भी ज्यादा है। दोनों ने इंडिया की जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इकोनॉमी के सभी सेक्टर में ग्रोथ देखने को मिली है। सिर्फ एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ कम है। इसके सिर्फ 1.4 फीसदी रहने का अनुमान है। सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर बनाने से ग्रोथ को सपोर्ट मिला है। इस वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में कैपिटल एक्सपेंडिचर 31 फीसदी ज्यादा रहा है।
बजट 2024 : कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ सबसे ज्यादा
कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 10.7 फीसदी रही है। फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज की ग्रोथ 8.9 फीसदी रही है। डिफेंस की ग्रोथ 7.7 फीसदी और मैन्युफैक्चरिंग की ग्रोथ 6.5 फीसदी रही है। एडवान्स एस्टिमेट के मुताबिक प्राइस डिफ्लेटर (IPD) आधारित इनफ्लेशन 2023-24 में 1.4 फीसदी रह सकता है। लो आईपीडी-बेस्ड इनफ्लेशन को देखते हुए नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 8.9 फीसदी रहने का अनुमान है। यह रियल जीडीपी ग्रोथ के मुकाबले थोड़ा ही ज्यादा है। 2024-25 में हमें रियल ग्रोथ 6.5-7.0 फीसदी रहने का अनुमान है।
बजट 2024 : टैक्स रेवेन्यू की ग्रोथ 1.9 फीसदी
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में टैक्स रेवेन्यू की ग्रोथ 0.99 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था। इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में टैक्स कलेक्शन में 1.9 फीसदी इजाफा हुआ है। पहली छमाही में केंद्र के ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू की ग्रोथ 16.3 फीसदी रही। इस वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में यह 14.7 फीसदी रही। इसमें डायरेक्ट टैक्स ग्रोथ में उछाल का बड़ा हाथ है। बजट में तय लक्ष्य का पूरा करने के लिए इस वित्त वर्ष के बाकी महीनों में सिर्फ 3.6 फीसदी ग्रोथ की जरूरत है।
बजट 2024 : फिस्कल डेफिसिट टारगेट तक रहेगा
हमें इस वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट के 5.9 फीसदी टारगेट के हासिल होने की उम्मीद है। इसे आने वाले वित्त वर्ष में घटाकर पहले 5.2 फीसदी, 4.5 फीसदी और 2026-27 तक 4 फीसदी किया जा सकता है। वित्त वर्ष 2023-24 में फिस्कल डेफिसिट 17.87 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। अगर अगले वित्त वर्ष में जीडीपी की नॉमिनल ग्रोथ 10.5 फीसदी रहती है तो फिस्कल डेफिसिट को घटाकर 17 लाख करोड़ रुपये पर लाना होगा। इससे वित्त वर्ष 2024-15 में फिस्कल डेफिसिट जीडीपी का 5.2 फीसदी होगा।