Union budget 2024 : एजुकेशन सेक्टर खासकर स्कूलों को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के केंद्रीय बजट से कई उम्मीदें हैं। स्कूलों का मानना है कि सरकार को टीचर्स के लिए एक सबजेक्ट मैटर एक्सपर्ट (SME) कमेटी बनानी चाहिए। साथ ही एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस में सांस्कृतिक बदलाव के लिए अलग से संसाधन का आवंटन करना चाहिए। 1 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। वित्तमंत्री ने पिछले महीने बताया था कि 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट सिर्फ वोट-ऑन-अकाउंट होगा। अगले वित्त वर्ष का पूर्ण बजट जुलाई में पेश होगा। उन्होंने यह भी बताया था कि अंतरिम बजट में बड़े ऐलान नहीं होंगे। इसके लिए जुलाई में पूर्ण बजट पेश होने तक इंतजार करना पड़ेगा।
बजट 2024 में आवंटन बढ़ने की उम्मीद
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल पेश बजट में डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड लिट्रेसी के लिए आवंटन बढ़ाकर 68,804 करोड़ रुपये कर दिया था। एक साल पहले इस डिपार्टमेंट का रिवाइज्ड आवंटन 59,052 करोड़ रुपये था। स्कूल एडमिनिस्ट्रेटर्स का कहना है कि सरकार को एजुकेशन की क्वालिटी पर फोकस बढ़ाने की जरूरत है। खासकर नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) को ध्यान में रख ऐसा करना जरूरी हो गया है।
एसएमई कमेटी बनाने से बेहतर होगी एजुकेशन की क्वालिटी
ऑर्किड्स इंटरनेशनल स्कूल के वीपी वेद बायसानी ने कहा कि टीचर्स के ऑब्जर्वेशन के लिए एसएमई कमेटी बनाई जानी चाहिए। इससे एकैडमिक डिलीवरी बढ़ेगी। इसके अलावा उन टीचर्स के लिए व्यापक ट्रेनिंग के इंतजाम होने चाहिए, जिन्हें इसकी जरूरत है। अगर एजुकेशन के जरिए बदलाव लाने का मकसद है तो इसके लिए टीचर्स के स्किल और योग्यता बढ़ाने पर फोकस होना चाहिए।
टीचर्स ट्रेनिंग पर फोकस बढ़ाने से होगा फायदा
मॉडर्न हाई स्कूल इंटरनेशनल की प्रिंसिपल नंदिनी घटक ने कहा कि टीचर्स ट्रेनिंग के लिए आवंटन बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा टीचर्स नेटवर्क बनाया जा सकता है, जहां नॉलेज और स्किल के एक्सचेंज की सुविधा हो सकती है। एनईपी में चार करिकुलम फ्रेमवर्क के बारे में बताया गया है। इससे एजुकेशन में बड़ बदलाव लाने की बात कही गई है। इसमें फोकस बच्चे के समग्र विकास पर होगा। इस काम में टीचर्स की बड़ी भूमिका होगी। बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाने पर जोर होगा।