ASK Investment Managers के बिजनेस हेड और सीआईओ प्रतीक अग्रवाल ने मनीकंट्रोल से बात करते हुए कहा कि यूनियन बजट 2022-23 उम्मीद के अनुरुप रहा है। यह एक ग्रोथ ओरिएंटेड बजट है। इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने वित्तीय घाटे पर उतना फोकस नहीं किया है जितने का अंदाजा लगाया जा रहा था। बल्कि सरकार का फोकस फंड इकट्ठा करके ग्रोथ को प्रोत्साहन देने पर रहा है। यह एक पॉजिटिव संकेत है।
उन्होंने आगे कहा कि मंगलवार को पार्लियामेंट में पेश बजट में ASK Investment को एक भी निगेटिव एलान नजर नहीं आया और हमें इस तरह के किसी एलान की उम्मीद भी नहीं थी। इकोनॉमी पर बने दबाव को देखते हुए इस बात की पहले से उम्मीद थी कि बजट में पॉजिटिविटी बनी रहेगी और हमें ऐसा ही होता नजर आया है।
उन्होंने आगे कहा कि इकोनॉमी का एक तबका अभी कोविड के चलते दबाव में है। इकोनॉमी में ग्रोथ को प्रोत्साहित करने का एक ही तरीका है कि दबाव के दौर से गुजर रहे सेक्टरों को सपोर्ट दिया जाए। इस बजट में ऐसा ही कुछ होता दिखा है। उन्होंने आगे कहा कि अब तक काफी सफल रही पीएलआई स्कीम इस वित्त वर्ष में और प्रभावी होती नजर आएगी। इससे ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।
जब प्रतीक अग्रवाल से पूछा गया कि इस बजट में आपके लिए सबसे ज्यादा अचम्भे वाली बात क्या थी तो उन्होंने कहा कि यह बजट अधिकांशत: उम्मीद अनुरूप रहा है लेकिन हमने क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स की उम्मीद नहीं की थी। क्रिप्टो पर टैक्स का एलान हमारे लिए अचम्भे की बात थी।
प्रतीक अग्रवाल ने आगे कहा कि बजट के बाद भी सेक्टरों की पंसद को लेकर हमने कोई बदलाव नहीं किया है। रिटेल लेंडर, चीन प्लस वन पॉलिसी से फायदा उठाने वाली कंपनियां जिनमें केमिकल और API बिजनेस शामिल है, आईटी सर्विसेज और इंटरनेट पर आधारित कंपनियां, PLI स्कीम से फायदे में रहने वाली कंपनियां और सीमेंट कंपनियां हमारी पसंद की सूची में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कमोडिटी की कीमतों में अब गिरावट आने के साथ ही खपत से जुड़ी कंपनियां भी आगे अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।