फाइनेंशियल ईयर 2024 म्यूचुअल फंडों के लिए काफी शानदार रहा। इस दौरान म्यूचुअल फंडों का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 14 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 53.4 लाख करोड़ रुपये हो गया। संसद में 22 जुलाई को पेश इकनॉमिक सर्वे के मुताबिक, संबंधित अवधि में म्यूचुअल फंडों की ग्रोथ में सालाना 35 पर्सेंट की ग्रोथ देखने को मिली। मार्क टू मार्केट ((MTM) गेन और इंडस्ट्री के विस्तार से म्यूचुअल फंडों को बढ़ावा मिला।
इकनॉमिक सर्वे के मुताबिक, म्यूचुअल फंडों में इनडायरेक्टर चैनल के बजाय रिटेल भागीदारी में ज्यादा बढ़ोतरी रही। इसके अलावा, सर्वे में बताया गया है कि म्यूचुअल फंड सेगमेंट के पास फिलहाल 8.4 करोड़ सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) खाते हैं, जिनके जरिये निवेशक इन योजनाओं में नियमित तौर पर निवेश करते हैं। सर्वे में कहा गया है, ' पिछले तीन साल में सालाना नेट SIP फ्लो दोगुना हो चुका है। वित्त वर्ष 2021 में SIP का निवेश 0.96 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गया। कुल SIP एसेट्स अंडर मैनेजमेंट कुल म्यूचुअल फंड इक्विटी स्कीमों का 35 पर्सेंट है। इस तरह, 31 दिसंबर 2023 के मुताबिक भारतीय शेयर बाजार में म्यूचुअल फंडों का मालिकाना हक 9.2 पर्सेंट था, जो 31 दिसंबर 2021 में 7.7 पर्सेंट था।'
जून में SIP के जरिये निवेशक बढ़कर 21,262 करोड़ रुपये हो गया, जो मई में 20,904 करोड़ रुपये था। अप्रैल 2024 में SIP के जरिेय मंथली इनवेस्टमेंट पहली बार 20,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2023 में फोलियो की कुल संख्या 14.6 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 17.8 करोड़ रुपये हो गया।
इकनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि इनकम या डेट स्कीम्स को छोड़कर पिछले फाइनेंशियल ईयर में म्यूचुअल स्कीम की सभी कैटगरी में नेट इनफ्लो देखने को मिला। हालांकि, सरकार ने फाइनेंस एक्ट 2023 के जरिये म्यूचुअल फंड इनवेस्टर्स को झटका दिया था। इसके तहत डेट फंड्स और नॉन-इक्वटी म्यूचुअल फंड्स की कुछ कैटगरी पर ऊंची दर से टैक्स लगाने का फैसला किया गया था।