इस बजट (Budget 2022) में प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को तोहफा मिल सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) प्रोविडेंट फंड (PF) में टैक्स-फ्री कंट्रिब्यूशंस की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती हैं। सरकारी कर्मचारियों के लिए पहले ही यह लिमिट बढ़ाई जा चुकी है। हिंदुस्तान टाइम्स ने इस बारे में बताया है।
हिंदुस्तान टाइम्स के पोर्टल पर कहा गया है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस कदम से पीएफ में टैक्स-फ्री कंट्रिब्यूशंस की लिमिट सभी (प्राइवेट और सरकारी) कर्मचारियों के लिए एक जैसी हो जाएगी। इस पोर्टल ने मामले से जुड़े लोगों के हवाले से कहा है, " कई प्रतिनिधिमंडलों ने अपनी इस मांग के बारे में मंत्रालयों और विभागों को बताया था। उन्होंने कहा था कि पीएफ सबसे प्रभावी सोशल सिक्योरिटी मेकानिज्म में से एक है। उनकी मांग को ध्यान में रख इस मसले पर विचार किया जा रहा है।"
इस मामले से जुड़े एक दूसरे व्यक्ति ने कहा, "प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के मामले में इंप्लॉयी और इंप्लॉयर का कंट्रिब्यूशंस तय सैलरी का हिस्सा होता है, जिसे कॉस्ट-टू-कंपनी (CTC) कहा जाता है। इंप्लॉयर का कंट्रिब्यूशन हमेशा सीटीसी का हिस्सा होता है। इसलिए इस बारे में विचार करने की जरूरत है।"
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में टैक्स-फ्री इंट्रेस्ट इनकम का फायदा देने के लिए पीएफ में सालाना टैक्स-फ्री कंट्रिब्यूशन की लिमिट 2.5 लाख रुपये तय करने का ऐलान किया था। बाद में जिन मामलों में इंप्लॉयर कंट्रिब्यूट नहीं करते हैं, उनमें यह लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई थी। इस फैसले से सिर्फ गवर्नमेंट इंप्लॉयीज का फायदा हुआ था।
टैक्स एक्सपर्ट्स और पीएफ से जुड़े मामलों की अच्छी समझ रखने वाले कुछ लोगों का मानना है कि गवर्नमेंट इंप्लॉयीज और प्राइवेट इंप्लॉयीज के लिए नियम में यह अंतर ठीक नहीं है। उन्होंने इस फर्क को खत्म करने की गुजारिश सरकार से की है। बताया जाता है कि वित्त मंत्री इस बारे में बजट में ऐलान कर सकती हैं। वह 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेंगी।
नौैकरीपेशा लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। वे स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं। वे इनकम की उच्चतम स्लैब के लिए टैक्स की दर में भी कमी चाहते हैं।