ICICI Bank की सीईओ और एमडी चंदा कोचर (Chanda Kochhar) ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए बोर्ड की इजाजत को चैलेंज किया है। कोचर पर Videocon को लोन देने में तय प्रक्रिया का पालन नहीं करने का आरोप है। कोचर ने अपनी याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने की इजाजत देने में बोर्ड ने तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया। कोचर और उनके पति दीपक को सीबीआई ने वीडियोकॉन लोन मामले में 23 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोनों को जनवरी 2023 में जमानत दे दी थी। हाई कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी में सही तरीका का पालन नहीं करने के लिए CBI को फटकार लगाई थी।
ICICI Board के खिलाफ दी यह दलील
ICICI Bank के बोर्ड ने 22 अप्रैल को एक प्रस्ताव पारित कर कोचर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने की इजाजत दे दी थी। CBI ने जून में स्पेशल कोर्ट को बता दिया था कि बैंक के बोर्ड ने कोचर के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की इजाजत दे दी है। कोचर के वकील अमित देसाई ने 18 नवंबर को जस्टिस पीडी नाइक और जस्टिस एनआर बोरकर की बेंच में याचिका दाखिल कर बताया कि ICICI Bank के कोचर के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की इजाजत देने में नियमों का पालन नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस कथित मामले में बैंक को किसी तरह का लॉस नहीं हुआ।
मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी
CBI के वकील कुलदीप पाटिल ने 18 दिसंबर को दाखिल याचिका पर जवाब देने के लिए कोर्ट से समय मांगा। उसके बाद हाईकोर्ट की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 जनवरी की तारीख तय कर दी। चंदा कोचर और दीपक कोचर के अलावा सीबीआई ने वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को भी इस मामले में गिरफ्तार किया था। उन्हें भी बाद में जमानत मिल गई थी।
CBI के मुताबिक, ICICI Bank ने वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों को 3,250 करोड़ रुपये की क्रेडिट फैसिलिटीज की मंजूरी दी थी। ऐसा करने में उसने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, RBI की गाइडलाइंस और बैंक की क्रेडिट पॉलिसी का पालन नहीं किया। CBI ने इस मामले में 2019 में एफआईआर फाइल की। उसने इसमें आरोप लगाया कि वीडियोकॉन ग्रुप को क्रेडिट फैसिलिटीज देने के बदले में धूत ने Nupower Renewables में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह निवेश Supreme Energy Pvt Ltd (SEPL) के जरिए किया गया। एसईपीएल ने यह पैसा पिनैकल एनर्जी को ट्रांसफर कर दिया, जिसका प्रबंधन दीपक कोचर करते थे। इस ट्रांजेक्शन को 2010 से 2012 के बीच अंजाम दिया गया।