IIP Growth: भारत का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स (IIP) अगस्त 2025 में 4% बढ़ा, जो जुलाई के 3.5% से ज्यादा है। यह दिखाता है कि इंडस्ट्रियल एक्टिविटी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। सबसे बड़ा उछाल माइनिंग सेक्टर में आया, जहां जुलाई में 7.2% की गिरावट के बाद अगस्त में 6% की मजबूती दर्ज की गई। बिजली उत्पादन भी बेहतर हुआ और 3.7% से बढ़कर 4.1% पर पहुंच गया, जिससे फैक्ट्री और कमर्शियल एक्टिविटी को सहारा मिला।
मैन्युफैक्चरिंग की रफ्तार थोड़ी धीमी रही। जुलाई में जहां यह 6% बढ़ा था, अगस्त में यह 3.8% पर आ गया। यानी कुछ सेक्टर तेज चल रहे हैं, जबकि कुछ में सुस्ती बनी हुई है।
निवेश में तेजी, खपत में कमजोरी
प्रोडक्शन बास्केट में प्राइमरी गुड्स 5.2% बढ़े, कैपिटल गुड्स 4.4% चढ़े और इंफ्रास्ट्रक्चर गुड्स में सबसे ज्यादा 10.6% की वृद्धि हुई। इससे साफ है कि निवेश से जुड़ी एक्टिविटी मजबूत बनी हुई है।
खपत वाली कैटेगरी का हाल अलग रहा। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 3.5% बढ़े, लेकिन नॉन-ड्यूरेबल्स में 6.3% की गिरावट आई। यानी लोगों की रोजमर्रा की खपत वाली चीजों की डिमांड अब भी कमजोर है।
इससे पहले आए आंकड़ों में दिखा था कि अगस्त में आठ कोर इंडस्ट्रीज 6.3% बढ़ीं, जबकि जुलाई में यह सिर्फ 3.7% थी। स्टील और कोयले की रिकवरी ने ग्रोथ को सहारा दिया, लेकिन क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस जैसी एनर्जी इंडस्ट्रीज अब भी दबाव में हैं।
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स क्या है
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स (IIP) एक ऐसा आंकड़ा है जो बताता है कि देश में फैक्ट्रियों, खदानों और बिजली उत्पादन का काम कितना बढ़ा या घटा है। इसे हर महीने जारी किया जाता है। इससे सरकार और आम लोग समझ पाते हैं कि इंडस्ट्रियल एक्टिविटी मजबूत हो रही है या धीमी पड़ रही है।