बंधन बैंक (Bandhan Bank) के फाउंडर और प्रमोटर चंद्र शेखर घोष (Chandra Shekhar Ghosh) 9 जुलाई को बैंक के एमडी और सीईओ का पद छोड़ने वाले हैं। साथ ही वह बैंक के बोर्ड से भी इस्तीफा दे सकते हैं। यह जानकारी मनीकंट्रोल को कुछ उच्च अधिकारियों से मिली है। इस साल 5 अप्रैल को घोष ने घोषणा की थी कि वह 9 जुलाई को बैंक के एमडी और सीईओ के पद से हट जाएंगे। इससे पहले 6 जुलाई को बंधन बैंक ने घोषणा की थी कि रतन कुमार केश 10 जुलाई को बैंक के अंतरिम सीईओ और एमडी का पद संभालेंगे। केश वर्तमान में बंधन बैंक में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में कार्यरत हैं।
ऐसा अनुमान है कि बंधन बैंक के साथ किसी भी औपचारिक क्षमता में सभी संबंधों को खत्म करने का घोष का फैसला, बैंक की अल्टीमेट होल्डिंग कंपनी- बंधन फाइनेंशियल सर्विसेज के दो बड़े शेयरधारकों की दखलंदाजी के चलते लिया हुआ हो सकता है। ये शेयरधारक इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेट और सिंगापुर की जीआईसी हैं।
अधिकारियों के अनुसार, इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन और जीआईसी ने घोष के बंधन बैंक के साथ अपना औपचारिक जुड़ाव जारी रखने पर बैंक में निवेश करने के बारे में अपनी शंकाएं व्यक्त की हैं। बैंक में फोरेंसिक ऑडिट चल रहा है। अगर ऑडिट में प्रतिकूल टिप्पणियां सामने आती हैं तो बैंक में पूंजी डालने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में अगर इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन और जीआईसी जैसे मौजूदा इनवेस्टर बैंक में पूंजी डालने की सोचेंगे तो वे नहीं चाहेंगे कि घोष बैंक से जुड़े रहें।
दोनों इनवेस्टर्स की कंपनी में कितनी हिस्सेदारी
इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेट के पास बंधन फाइनेंशियल सर्विसेज में 13.59 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि जीआईसी के पास अपनी निवेश शाखा- कैलेडियम इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 16.7 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कैलेडियम इनवेस्टमेंट के पास बंधन बैंक में भी सीधे तौर पर करीब 7.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है।