चीन के एक्सपोर्ट में 12.4% की जबरदस्त ग्रोथ, मार्च में टूटा 17 महीनों का रिकॉर्ड, टैरिफ वार का नहीं दिखा असर
टैरिफ वार के बावजूद चीन के निर्यात (Exports) में जबरदस्त उछाल जारी है। बीजिंग से आए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मार्च महीने में चीन का निर्यात सालाना आधार पर 12.4% बढ़ा, जो एनालिस्ट्स के अनुमान से कहीं अधिक है। रायटर्स के पोल में 4.4% बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया था। लेकिन आंकड़े इन अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए अक्टूबर 2023 के बाद की सबसे बड़ी छलांग साबित हुए हैं
चीन की सरकार ने इस साल के लिए लगभग 5% की आर्थिक ग्रोथ का लक्ष्य रखा है
US-China Trade War: टैरिफ वार के बावजूद चीन के निर्यात (Exports) में जबरदस्त उछाल जारी है। बीजिंग से आए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मार्च महीने में चीन का निर्यात सालाना आधार पर 12.4% बढ़ा, जो एनालिस्ट्स के अनुमान से कहीं अधिक है। रायटर्स के पोल में 4.4% बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया था। लेकिन आंकड़े इन अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए अक्टूबर 2023 के बाद की सबसे बड़ी छलांग साबित हुए हैं।
एक्सपर्ट्स ने बताया कि अमेरिका ने 2 अप्रैल से चीन पर भारी टैरिफ लागू करने का ऐलान किया था। ऐसे में चीन के व्यापारियों ने इससे बचने के लिए मार्च महीने में जल्दी शिपमेंट की और इसी रणनीति के चलते मार्च में उसका एक्सपोर्ट का आंकड़ा काफी बढ़ा हुआ नजर आ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति के तहत, चीन से आने वाले सभी उत्पादों पर अब तक कुल 145% टैरिफ लागू किए जा चुके हैं।
वहीं दूसरी ओर, चीन के आयात (imports) में गिरावट का सिलसिला जारी है। मार्च में चीन के आयात में 4.3% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि एक्सपर्ट्स ने 2% गिरावट का अनुमान लगाया था। यह इस बात की ओर इशारा करता है कि चीन की घरेलू मांग अब भी कमजोर बनी हुई है।
शुरुआती महीनों में निर्यात कमजोर रहा
जनवरी और फरवरी में चीन का निर्यात मात्र 2.3% बढ़ा था, जो अप्रैल 2024 के बाद सबसे धीमी ग्रोथ थी। वहीं, आयात में 8.4% की गिरावट देखी गई थी, जो 2023 के मध्य के बाद की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है।
एक्सपर्ट्स की चेतावनी: सप्लाई चेन में आने वाला है बड़ा संकट
पिनप्वाइंट एसेट मैनेजमेंट के चीफ इकनॉमिस्ट झिवेई झांग ने कहा, “अमेरिकी टैरिफ में अचानक आए उछाल से आने वाले महीनों में चीन का निर्यात फिर से कमजोर पड़ सकता है। इससे सप्लाई चेन में भारी रुकावटें और अमेरिका में सामनों की कमी के चलते मंहगाई में बढ़ोतरी की आशंका है।” उन्होंने ये भी जोड़ा कि मौजूदा हालातों में कंपनियों के लिए सप्लाई चेन या प्लांट लोकेशन बदलना आसान नहीं है, क्योंकि “नई फैक्ट्रियां लगाने में समय लगता है।”
चीन का टारगेट और अमेरिका के साथ बढ़ता टकराव
चीन की सरकार ने इस साल के लिए लगभग 5% की आर्थिक ग्रोथ का लक्ष्य रखा है, लेकिन ट्रेड वार के चलते इस लक्ष्य को पाना मुश्किल होता जा रहा है।
ट्रंप सरकार ने चीन पर 20% का एक स्पेशल टैरिफ भी लगाया गया है, जिसके पीछे फेंटानिल ड्रग बिजनेस में चीन की कथित भूमिका को वजह बताया है। जवाबी कार्रवाई में, चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर 15% तक के कस्टम ड्यूटी और हाल ही में 125% तक का व्यापक टैरिफ लगाया है।
चीन की अपील: बातचीत का रास्ता अपनाएं
चीनी कस्टम एडमिनिस्ट्रेशन के वाइस हेड, लिंगजुन वांग ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “अमेरिका टैरिफ का दुरुपयोग कर रहा है, जो ग्लोबल व्यापार के लिए नुकसानदेह है।” उन्होंने दोहराया कि बीजिंग बातचीत के जरिए समाधान चाहता है और सभी घोषित जवाबी कदम क़ानूनी रूप से लागू किए जाएंगे। वांग ने ये भी कहा कि चीन अपनी इकोनॉमी को ग्लोबल निवेश और व्यापार के लिए खोलने की प्रतिबद्धता पर कायम है।
अमेरिका ने कुछ सेक्टर्स को दी राहत
एक बड़ी राहत की खबर यह भी रही कि ट्रंप सरकार ने शुक्रवार को स्मार्टफोन, कंप्यूटर, सेमीकंडक्टर, सोलर सेल्स और फ्लैश ड्राइव्स जैसे कई उत्पादों पर टैरिफ में अस्थायी छूट दी है। हालांकि, फेंटानिल से जुड़े उत्पादों पर 20% का टैरिफ अभी भी लागू है।
चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री ने इस छूट को “अमेरिका की गलत टैरिफ पॉलिसी में सुधार की छोटी लेकिन स्वागतयोग्य कदम” बताया और अमेरिका से सभी ऊंचे टैरिफ को पूरी तरह हटाने की मांग की।
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