Tariff War: पिछले हफ्ते शुक्रवार को अमेरिका ने इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों पर बड़ी राहत दी जिससे दुनिया भर के मार्केट झूम उठे लेकिन अब सामने आ रहा है कि यह राहत अस्थायी है। अमेरिका ने शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक्स को चीन पर लगाए गए 125 फीसदी (प्रभावी तौर पर 145 फीसदी) और बाकी दुनिया पर लगाए गए 10 फीसदी के टैरिफ से बाहर रखा है। अब सामने आ रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक्स पर दूसरे तरीके से टैरिफ लगाने की योजना है और अभी के टैरिफ को हटाना उसी योजना का हिस्सा है।
Donald Trump ने खुद किया खुलासा
शुक्रवार की राहत अस्थायी है, इसका संकेत खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिया। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर रविवार को लिखा कि जिन प्रोडक्ट्स को छूट दी गई है, उन्हें एक अलग टैरिफ बकेट में डालने की प्रक्रिया चल रही है। ट्रंप का कहना है कि सेमीकंडक्टर्स यानी चिप और पूरे इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन पर अमेरिकी प्रशासन की नजर है। अमेरिका के कॉमर्स सेक्रेटरी हावर्ड लुटनिक (Howard Lutnick) और अन्य अधिकारियों ने रविवार को कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक्स को टैरिफ के दूसरे ब्रेकेट में ले जाने के लिए अभी के टैरिफ ब्रेकेट से हटाया गया है। हालांकि उनका मानना है कि इसकी दरें चीन पर लगाए गए 125 फीसदी की टैरिफ से कम हो सकती है लेकिन बाकी देशों पर लगाए गए 10 फीसदी टैरिफ से अधिक होगी।
अमेरिका के कॉमर्स सेक्रेटरी का कहना है कि इन प्रोडक्ट्स को सेमीकंडक्टर के तहत लाजा जाएगा और इनके लिए एक विशेष प्रकार का टैरिफ होगा ताकि यह सुनिश्चित हो कि इन प्रोडक्ट्स को फिर से देश में लाया जाए। उन्होंने एक न्यूज चैनल एबीसी से बातचीत में रविवार को कहा कि मूलभूत जरूरतों की चीजों के लिए चीन पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। बता दें कि वर्ष 2024 के आधिकारिक अमेरिकी आंकड़ों के मुताबिक इस छूट के दायरे में करीब 39 हजार करोड़ डॉलर का आयात है जिसमें से अकेले चीन से ही 10.1 हजार करोड़ डॉलर का आयात है। कॉमर्स सेक्रेटरी के मुताबिक सेमीकंडक्टर टैरिफ एक से दो महीने में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि इस हफ्ते संघीय रजिस्ट्री में सेमीकंडक्टर से जुड़ा एक नोटिस प्रकाशित किया जाएगा, लेकिन उन्होंने इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया। उन्होंने बताया कि अमेरिकी प्रशासन को अगले कदम के तौर पर धारा 232 जांच शुरू करनी होगी, जिसके लिए 270 दिनों के भीतर रिपोर्ट की जरूरत होगी और उसके बाद टैरिफ के लिए रास्ता खुलेगा।
व्हाइट हाउस लंबे समय से कहता रहा है कि जिन चीजों पर खास शुल्क लगेगा, उन्हें चीन और बाकी देशों पर लगाए गए टैरिफ के दायरे से बाहर रखा जाएगा। ट्रम्प ने पहले ही स्टील, एल्युमीनियम और ऑटो के लिए सेक्टर-स्पेशिफिक टैरिफ लागू कर दिया है जबकि ऑटो पार्ट्स और तांबे पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की योजना बनाई है। अब सेमीकंडक्टर चिप्स, फार्मा सेक्टर, लकड़ी और अहम खनिजों पर भी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।