पाकिस्तान जल्द ही अपने संविधान में एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिसे 27वां संविधान संशोधन कहा जा रहा है। इस संशोधन के अंतर्गत देश की सेना को और भी ज्यादा अधिकार दिए जाने की संभावना है। वकीलों और नागरिक समाज के अनुसार, यह कदम पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को ताकतवर बनाने और सेना का नियंत्रण कड़ा करने की योजना है। कई लोग इसे 'न्याय की मौत' भी कह रहे हैं। संशोधन में अनुच्छेद 243 में बदलाव होगा, जो सशस्त्र बलों के कमांड स्ट्रक्चर को परिभाषित करता है। इस बदलाव से न्यायपालिका का स्वरूप बदलेगा, कुछ प्रांतीय शक्तियों का केंद्रीकरण होगा और सेना के नियंत्रण के ढांचे में भी परिवर्तन आएगा।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस संशोधन के समर्थन में गठबंधन सहयोगियों से मुलाकातें की हैं ताकि संसद में दो-तिहाई बहुमत हासिल किया जा सके। इस बदलाव को लेकर कई लोगों ने सवाल खड़े किए हैं कि क्या बिना जनता से पूछे संविधान में ऐसे बदलाव किए जा सकते हैं।
मुख्य विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने इस संशोधन का कड़ा विरोध किया है, जबकि पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) ने भी संशोधन के कुछ हिस्सों पर चिंता जताई है। PPP का कहना है कि यह संशोधन प्रांतीय स्वायत्तता को कम कर सकता है।
इस संशोधन के मुख्य प्रस्तावित बिंदु हैं:
संशोधन से फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को पांच साल के कार्यकाल के साथ संवैधानिक पद मिलेगा, जो प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति के बराबर माना जाएगा। उन्हें सेना, नौसेना, वायुसेना और इंटेलिजेंस एजेंसियों के प्रमुखों को नियुक्त करने का अधिकार भी मिलेगा।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायविद आयोग की कानूनी सलाहकार रीमा उमर ने बताया अनुच्छेद 243 में प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक:
विशेषज्ञों का मानना है कि यह संशोधन पाकिस्तान में सैन्य शासन को और मजबूती देगा और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करेगा। यह बदलाव सैनिक कमान को नागरिक नियंत्रण से बाहर निकाल कर सेना प्रमुख को ज्यादा अधिकार देगा।
पाकिस्तान के इतिहास में भी अनुच्छेद 243 को कई बार संशोधित किया जा चुका है, जिसमें सत्ता का संतुलन सैन्य और नागरिक के बीच बदलता रहा है। अब यह संशोधन उस संतुलन को पूरी तरह सेना के पक्ष में झुका सकता है।
संक्षेप में, 27वां संविधान संशोधन पाकिस्तान के शासन और सत्ता व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाने वाला है, जिससे सैन्य प्रभाव और अधिक बढ़ेगा और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर किया जा सकता है।
पाकिस्तान का 27वां संविधान संशोधन सेना प्रमुख को संवैधानिक अधिकार देकर देश में सैन्य शासन को औपचारिक रूप देने वाला है।