पाकिस्तान में TV शो की नकली शादी बनी असली गुनाह! ARY डिजिटल के खिलाफ दर्ज हुआ ईशनिंदा का केस
Pakistan Blasphemy: इस विवाद की असली जड़ है- एक सैयद महिला और एक गैर-सैयद पुरुष की शादी, जिससे पाकिस्तान के शिया समुदाय कुछ वर्ग भड़क उठे। सिंध के दादू जिले में शिया कार्यकर्ताओं ने ARY डिजिटल पर "पैगंबर के वंशजों, सैयदों का अपमान करने" का आरोप लगाते हुए एक FIR दर्ज कराई
पाकिस्तान में TV शो की नकली शादी बनी असली गुनाह! ARY डिजिटल के खिलाफ दर्ज हुआ ईशनिंदा का केस
जब पाकिस्तानी टेलीविजन नेटवर्क ARY डिजिटल ने अपना लेटेस्ट प्राइम-टाइम ड्रामा 'Sher' लॉन्च किया, तो शायद किसी को नहीं मालूम था कि जल्द ही इसके खिलाफ पाकिस्तान के ईशनिंदा कानूनों के तहत पुलिस केस दर्ज होगा। दानिश तैमूर और सारा खान की यह टीवी सीरीज, शेर जमान और फजर की कहानी दिखाती है, जिसमें एक लड़का और लड़की एक दूसरे से प्यार करते हैं, लेकिन दोनों के परिवारों के बीच पुरानी रंजिश है। उन्हें एक होने के लिए पुराने विवाद और सामाजिक बाधाओं का भी सामना करना पड़ता है।
लेकिन इस विवाद की असली जड़ है- एक सैयद महिला और एक गैर-सैयद पुरुष की शादी, जिससे पाकिस्तान के शिया समुदाय कुछ वर्ग भड़क उठे। सिंध के दादू जिले में शिया कार्यकर्ताओं ने ARY डिजिटल पर "पैगंबर के वंशजों, सैयदों का अपमान करने" का आरोप लगाते हुए एक FIR दर्ज कराई।
शिकायतकर्ताओं का तर्क है कि इस तरह के मिलन को दिखाकर, शो सैयदों की वंशावली और पवित्रता का अपमान करता है, जिन्हें उनके पोते हसन और हुसैन के जरिए पैगंबर मुहम्मद के वंशज माना जाता है।
पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295A और 298A के तहत 6 अक्टूबर को दर्ज की गई FIR में ARY डिजिटल के CEO, डायरेक्टर और शो के लेखकों को आरोपी बनाया गया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि धारावाहिक के कंटेंट ने “सैयद समुदाय की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है और यह ईशनिंदा के बराबर है।”
ये कानूनी आरोप गंभीर हैं। धारा 295A धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों को अपराध मानती है, जबकि धारा 298A इस्लाम के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों को दंडित करती है।
पाकिस्तान के सामाजिक-धार्मिक माहौल में, ईशनिंदा के आरोपों के अक्सर गंभीर नतीजे होते हैं।
जनता की क्या प्रतिक्रिया थी?
जैसे ही FIR की खबर फैली, पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर नाराजगी, गुस्सा और मजाक जैसी मिली जुली प्रतिक्रिया भी आई। X और रेडिट पर, कई यूजर ने इस काल्पनिक शादी को लेकर अतिसंवेदनशीलता का मजाक उड़ाया।
एक यूजर ने मजाक में कहा, "लगता है पाकिस्तान में पूरे अरब प्रायद्वीप से ज्यादा सैयद हैं।" एक ने व्यंग्य करते हुए पूछा, "यह ईशनिंदा कैसे है?" जिस पर किसी ने जवाब दिया, "पाकिस्तानी लॉजिस्टिक्स की तरफ से।"
एक रेडिट यूजर ने लिखा कि यह विवाद "ऐसा लगता है जैसे कोई नींद से जागा हो और उसने एक सुपरहिट नाटक से पैसा कमाने के बारे में सोचा हो।"
लेकिन इस मजाक के पीछे एक गहरी बेचैनी छिपी है। यह विवाद पाकिस्तान में मौजूद जाति, खानदान और फिरकों की जड़ों में बैठी असमानताओं को उजागर करता है- ऐसे मुद्दे, जिन पर खुलकर बात शायद ही कभी होती है, जबकि देश खुद को इस्लामी और समानता आधारित राष्ट्र बताता है।
पाकिस्तान के सामाजिक संदर्भ में 'सैयदवाद' का क्या अर्थ है?
‘सायदिज्म’ या ‘Syed Supremacy’ एक सामाजिक और धार्मिक सोच है, जिसमें सायदों को मुसलमानों की कथित जातीय या नस्लीय सीढ़ी के सबसे ऊपरी पायदान पर माना जाता है।
कौन होते हैं सैयद?
सायद वो लोग हैं, जो पैगंबर मोहम्मद के नाती- हसन और हुसैन की वंशावली से होने का दावा करते हैं। हसन की संतानों को शरीफ कहा जाता है। हुसैन की संतानों को सैयद कहा जाता है।
सदियों से यह वंश केवल धार्मिक सम्मान ही नहीं, बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा और उच्च दर्जे का प्रतीक भी बन गया।
मुस्लिम समाज में कौन किस नबंर पर आता है?
दक्षिण एशिया (भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश) में मुस्लिम समाज लंबे समय से जाति जैसी एक सामाजिक बनावट में बंटा रहा है-
अशराफ (Ashraf): "उच्च कुल" माने जाने वाले लोग, जो खुद को अरबी, फारसी या मध्य एशियाई वंशज बताते हैं। इस समूह में सबसे ऊपर सायद, फिर पठान, मुगल और शेख आते हैं।
अजलाफ (Ajlaf): वे लोग जिनके पूर्वज स्थानीय या निचली जातियों के हिंदू धर्म से इस्लाम में आए थे। इनमें शिल्पकार, कारीगर और मजदूर वर्ग शामिल है।
पसमांदा (Pasmanda): पसमांदा सबसे नीचे होते हैं। ये एक फारसी शब्द है, जिसका मतलब है- “जो पीछे रह गए”। येAv वो मुस्लिम समुदाय हैं, जो संख्या में बहुत ज्यादा हैं, लेकिन राजनीतिक और सामाजिक रूप से हाशिए पर हैं।