भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज CoinDCX पर 19 जुलाई को साइबर अटैक हुआ था। इसमें एक्सचेंज के एक इंटर्नल ऑपरेशनल अकाउंट से 4.42 करोड़ डॉलर यानि करीब 378 करोड़ रुपये चोरी हो गए थे। लेकिन इस बात का भरोसा जताया गया था कि किसी भी ग्राहक के फंड प्रभावित नहीं हुए हैं। अब क्रिप्टो एक्सचेंज ने चोरी हुई क्रिप्टोकरेंसी की बरामदगी और अपराधियों की पहचान में मददगार जानकारी के लिए रिकवरी बाउंटी प्रोग्राम का ऐलान किया है। इसके तहत बरामद होने वाली संपत्ति का 25 प्रतिशत तक इनाम के तौर पर दिया जाएगा।
CoinDCX ने एक बयान में कहा कि चोरी हुई संपत्ति की बरामदगी के लिए घोषित यह प्रोग्राम न केवल फंड को वापस लाने के लिए है, बल्कि साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में वेब3 कम्युनिटी को एकजुट करने का आह्वान भी करता है।
मददगारों को 1.1 करोड़ डॉलर तक का इनाम
कंपनी ने एथिकल हैकर, व्हाइट-हैट रिसर्चर्स और पूरे इकोसिस्टम के पार्टनर्स से रिकवरी बाउंटी प्रोग्राम का हिस्सा बनने की अपील की है। क्रिप्टो एक्सचेंज ने कहा कि बरामद होने वाले अमाउंट का 25 प्रतिशत तक उन साझेदारों को दिया जाएगा, जो घटना में चोरी क्रिप्टो को वापस पाने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे और साइबर अटैकर्स की शिनाख्त करने और उन्हें दोषी ठहराने में मदद करेंगे। CoinDCX ने बयान में कहा कि अगर चोरी हुए पूरे अमाउंट को बरामद कर लिया जाता है तो 1.1 करोड़ डॉलर तक की राशि मददगारों को मिलेगी।
दोबारा नहीं होना चाहिए ऐसा
रिकवरी बाउंटी प्रोग्राम के बारे में CoinDCX के को-फाउंडर और CEO सुमित गुप्ता, और एक दूसरे को-फाउंडर नीरज खंडेलवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट डाली है। सुमित गुप्ता ने लिखा कि रिकवरी बाउंटी प्रोग्राम में रिकवरी फंड का 25% तक उन व्यक्तियों या टीमों को दिया जाएगा जो चोरी की गई क्रिप्टो को खोजने और उन्हें वापस पाने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि चोरी फंड की रिकवरी से ज्यादा यह बात मायने रखती है कि साइबर अटैकर्स को ढूंढा जाए और पकड़ा जाए। ऐसी चीजें दोबारा नहीं होनी चाहिए, न ही हमारे साथ, न ही इंडस्ट्री में किसी और के साथ। गुप्ता ने एक बार फिर इस बात का भरोसा दिलाया कि जो नुकसान हुआ है उसे CoinDCX खुद के ट्रेजरी रिजर्व से वहन कर रहा है। कस्टमर फंड पर इसका कोई असर नहीं होगा। प्लेटफॉर्म सामान्य रूप से चलता रहेगा।
एक्सचेंज की ओर से एक ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है, 'CoinDCX आर्थिक रूप से मजबूत है और पूरी तरह से चालू है। वॉलेट सिस्टम से कभी समझौता नहीं हुआ, लेकिन हमने और भी गहराई से काम किया है, सुरक्षा कड़ी की है और अपने इंफ्रास्ट्रक्चर के कुछ हिस्सों को रीडिजाइन किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसा दोबारा न हो।'
लिक्विडिटी प्रोविजनिंग के लिए इस्तेमाल होते हैं इंटर्नल ऑपरेशनल अकाउंट्स
क्रिप्टो एक्सचेंज के इंटर्नल ऑपरेशनल अकाउंट्स का इस्तेमाल लिक्विडिटी प्रोविजनिंग के लिए किया जाता है। CoinDCX भारत का दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज है। साइबर अटैक के बाद सुमित गुप्ता ने X के जरिए साइबर हमले को कनफर्म किया था। कहा था कि किसी भी ग्राहक के फंड प्रभावित नहीं हुए हैं और उनके एसेट्स एक सुरक्षित कोल्ड वॉलेट इंफ्रास्ट्रक्चर में पूरी तरह सेफ हैं। सभी ट्रेडिंग गतिविधियां और रुपये की निकासी पूरी तरह से चालू है। गुप्ता ने बताया था कि साइबर अटैक से प्रभावित ऑपरेशनल अकाउंट को अलग करके घटना को तुरंत नियंत्रित कर लिया गया। हमारे ऑपरेशनल अकाउंट कस्टमर वॉलेट से अलग हैं, इसलिए जोखिम केवल इसी खास खाते तक सीमित है। यह भी कहा कि इस पूरे नुकसान को CoinDCX खुद के ट्रेजरी रिजर्व से वहन कर रहा है। कस्टमर फंड पर कोई असर नहीं होगा।