BitCoin Price Sliding: 1 लाख डॉलर का लेवल पार करने के बाद बिटक्वॉइन से लेवल को कायम नहीं रख सका। क्वाइनमार्केट कैप पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक 5 दिनों पहले यह 103,900.47 डॉलर के भाव पर पहुंच गया था और आज भी इंट्रा-डे में यह 1 लाख डॉलर के पार ही थी लेकिन अब यह 97 हजार डॉलर नीचे तक टूटकर आ गया है। अभी यह रिकॉर्ड हाई से 6.56 फीसदी नीचे 96,995.03 डॉलर के भाव (खबर लिखे जाने के समय) पर है। तेजी का फायदा उठाते हुए मुनाफावसूली के अलावा इसकी चमक में गिरावट का एक कनेक्शन गूगल (Google) से भी है।
क्यों बढ़ रही थी BitCoin की चमक?
बिटक्वॉइन में गिरावट का गूगल से कनेक्शन जानने से पहले समझ लेते हैं कि इसकी चमक बढ़ क्यों रही थी। एक समय क्रिप्टो के आलोचक रहे डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान अमेरिका में क्रिप्टो रिजर्व बनाने और क्रिप्टो से जुड़े नियमों में ढील देने का वादा किया था। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप की जीत होने पर क्रिप्टो मार्केट में बहार आ गई और बिटक्वॉइन धड़ाधड़ नए-नए माइस्टोन बनाता चला गया।
Google के चलते धड़ाम हुआ बिटक्वॉइन?
अब बात करतें है कि बिटक्वॉइन गिर क्यों रहा है तो इसकी एक वजह मुनाफावसूली है। इसके अलावा एक वजह है कि वैश्विक स्तर पर जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ रही है और राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप की नीतियां क्या रहेंगी, इसे लेकर अनिश्चितता ने भी दबाव बनाया है। इन सबके अलावा गूगल ने अगली पीढ़ी के एक चिप का ऐलान किया तो क्रिप्टो मार्केट हिल गई। ऐसा इसलिए क्योंकि इस चिप से बहुत अधिक जटिल समस्याएं भी आसानी से सुलझाई जा सकेंगी तो क्वांटम कंप्यूटिंग में क्रिप्टो से जुड़ी सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई। इसकी वजह ये है कि इस चिप के चलते वे कॉम्प्केक्स प्रोसेस भी आसान हो सकते हैं जिनसे क्रिप्टो टोकन बनाए जाते हैं। कंसल्टिंग फर्म डेलॉइट की रिपोर्ट के मुताबिक किसी क्वांटम अटैक से कम से कम $4000 करोड़ के बिटक्वॉइन पर खतरा आ सकता है।