अदाणी ग्रुप इस साल दिवाली के आसपास या 2026 की शुरुआत तक धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (Dharavi Redevelopment Project) के 'फ्री-सेल' यूनिट्स के पहले चरण को लॉन्च कर सकता है। इस मामले से वाकिफ लोगों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि ग्रुप ने फिलहाल इस प्रोजेक्ट से जुड़े लैंड सर्वे, निवासियों की संख्या और दूसरे जरूरी क्लियरेंस लेने की प्रक्रिया तेज कर दी है। खासतौर से साउथ और ईस्ट धारावी, जैसे सायन और किंग्स सर्कल की ओर, पहले चरण के लॉन्च की योजना बनाई जा रही है, जहां प्रॉपर्टी के मौजूदा रेट तुलनात्मक रूप से कम हैं। धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को एशिया का सबसे बड़ा शहरी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स कहा जाता है।
सूत्रों के मुताबिक, धारावी प्रोजेक्ट में कुल 1.40 लाख स्क्वेयर फीट बिक्री-योग्य जगह उपलब्ध होगा। यह जगह बाजार दरों पर करीब 1 लाख करोड़ रुपये की कमाई का अवसर पेश कर सकती है। अदाणी ग्रुप हर साल करीब 10-15% इन्वेंट्री ही बाजार में लाने की रणनीति अपना सकता है, ताकि अगले 8-10 साल में पूरा स्टॉक क्रमशः लॉन्च किया जा सके।
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है, “इस प्रोजेक्ट में डेवलपर्स को लगभग 1.40 लाख स्क्वेयर फीट ओपन मार्केट इन्वेंट्री मिल सकती है। मौजूदा दरें 8,500–9,800 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट के बीच हैं। ऐसे में ग्रॉस रेवेन्यू 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि ट्रांसफेरेबल डेवलपमेंट राइट्स (TDR) और कमर्शियल स्पेस की मोनेटाइजेशन क्षमता इस परियोजना की लंबी अवधि की वैल्यू को और बढ़ा सकती है। खासकर जब धारावी मेट्रो और माहिम जंक्शन रेलवे स्टेशन के बेहद करीब हो।
मुंबई के एक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट ने बताया कि शुरुआती चरणों में 27,000 से 28,000 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट की कीमतों पर यूनिट्स की पेशकश की जा सकती है। जैसे-जैसे कंस्ट्रक्शन पश्चिम की ओर, यानी BKC (बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स) की दिशा में आगे बढ़ेगा, यह दरें 35,000 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट तक जा सकती हैं। कुल इनवेंट्री का 60–70% हिस्सा अफोर्डेबल से लेकर मिड-सेगमेंट ग्राहकों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा।
धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसे धारावी के मौजूदा 10 लाख निवासियों के पुनर्वास साथ-साथ नए घरों का भी निर्माण करना है। इसमें न केवल धारावी के भीतर, बल्कि कुर्ला, विक्रोली और डिओनार जैसे इलाकों में वैकल्पिक आवास की योजना भी शामिल है।
कंपनी ने महाराष्ट्र सरकार को जो मास्टर प्लान सौंपा है, उसके मुताबिक साउथ और ईस्ट धारावी के एक बड़े हिस्से में सर्वे पूरा हो चुका है। इसमें आवासीय एलिजिबिलिट, बिजनेस यूनिट्स, धार्मिक स्थल और यूटिलिटीज की मैपिंग शामिल है। हालांकि वेस्ट धारावी में अब भी कई हिस्से सर्वे से बाहर हैं और डोर-टू-डोर गणना के विरोध की भी खबरें आई हैं।
इस प्रोजेक्ट को नवभारत मेगा डेवलपर्स देख रही है, जो अदाणी ग्रुप की अगुआई वाला एक स्पेशल परपज व्हीकल है। हाल ही में इसने अपडेटेड मास्टर प्लान महाराष्ट्र सरकार को सौंपा है। अनुमान है कि परियोजना की कुल लागत ₹95,000 करोड़ होगी, जिसमें से 118 एकड़ भूमि फ्री-सेल यूनिट्स के लिए आरक्षित होगी। बाकी जमीन का इस्तेमाल पुनर्वास हाउसिंग, सड़कें, स्कूल, पब्लिक स्पेस और ट्रांसपोर्ट हब के लिए होगा।
Moneycontrol ने अदाणी ग्रुप से इस संबंध में प्रतिक्रिया मांगी है। खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया था।
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