टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने 36 टेलीकॉम इक्विपमेंट की संशोधित लिस्ट के साथ ड्राफ्ट नॉर्म जारी किया है। इसके तहत इन टेलीकॉम इक्विपमेंट को सरकारी खरीद में प्राथमिकता मिलेगी, अगर वे मैन्युफैक्चरिंग में 50-65 पर्सेंट लोकल कंपोनेंट्स का इस्तेमाल करते हैं। ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक, टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने सैटेलाइट फोन और अन्य सैटेलाइड कम्युनिकेशन गियर्स को भी ऐसे प्रोडक्ट्स की लिस्ट में डाला है, जिन्हें लोकल वैल्यू एडिशन के लेवल के आधार पर सरकारी खरीद में प्राथमिकता मिलेगी।
इस लिस्ट में 5जी टेलीकॉम इक्विपमेंट को शामिल नहीं किया गया है। इस सिलसिले में 12 सितंबर को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है, ' सरकार ने मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी प्रमोशन (DIPP) ऑर्डर के जरिये सरकारी खरीद (मेक इन इंडिया को प्राथमिकता) ऑर्डर 2017 जारी किया था। इसी तरह, टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने अपने पिछले नोटिफिकेशन में बदलाव करते हुए यह नोटिफिकेशन जारी किया है।'
अगर केंद्र सरकार की फंडिंग से राज्य सरकारों और स्थानीय इकाइयों द्वारा खरीदारी जाती है, तो भी यह प्रस्तावित नियम लागू होगा। टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने अगस्त 2018 में भी ऐसी ही लिस्ट जारी की थी, लेकिन सरकारी विभागों के बीच यह ज्यादा प्रचलित नहीं हो पाया। खास तौर पर DIPP द्वारा नियमों में संशोधन के बाद इस लिस्ट को ज्यादा रेस्पॉन्स नहीं मिला।
DIPP क्लास-1 सप्लायर्स की कैटेगरी में वैसी इकाइयों को रखा है, जिनके प्रोडक्ट्स में 50 पर्सेंट से ज्यादा लोकल कंपोनेंट्स होंगे। इसके अलावा, क्लास-2 सप्लायर्स की कैटेगरी में वे इकाइयां शामिल होंगी, जिनमें लोकल कंपोनेंट्स 20-50 पर्सेंट होंगे।