Dream11 ने समेटा बोरिया बिस्तर, रियल-मनी गेमिंग सेक्शन किया बंद; ऐप से अपने पैसे निकाल सकते हैं यूजर्स

Online Gaming Bill 2025: Dream11 की पेरेंट कंपनी Dream Sports ने नए ऑनलाइन गेमिंग बिल के बाद अपना रियल-मनी गेमिंग सेक्शन बंद कर दिया। यूजर्स अपने अकाउंट बैलेंस ऐप से निकाल सकते हैं। अन्य RMG प्लेटफॉर्म्स जैसे Gameskraft, Zupee और Probo भी रियल-मनी ऑपरेशन रोक चुके हैं। जानिए पूरी डिटेल

अपडेटेड Aug 21, 2025 पर 9:28 PM
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Dream11 की पेरेंट कंपनी Dream Sports की नींव 2008 में हर्ष जैन और भावित शेठ ने रखी थी।

Online Gaming Bill 2025: 'Dream11 में 39 रुपये की टीम बनाकर मजदूरी करने वाले शख्स ने जीते 4 करोड़।' अब आपको शायद ऐसी हेडलाइन कभी न पढ़ने को मिले, क्योंकि भारत के सबसे बड़े फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म Dream11 के लिए एक युग का अंत हो गया।

Dream11 ऐप की पेरेंट कंपनी Dream Sports ने अपना रियल-मनी गेमिंग सेक्शन बंद कर दिया है। इसकी वजह नए ऑनलाइन गेमिंग बिल का संसद से पास होना है, जो सभी रियल-मनी गेम्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाता है।

Dream11 के यूजर्स के पैसों का क्या होगा?


Dream11 ऐप पर एक नोटिस के अनुसार, 'ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल, 2025" से संबंधित हालिया घटनाक्रम को देखते हुए हम अपने प्लेटफॉर्म पर सभी 'पे टू प्ले' फैंटेसी स्पोर्ट्स प्रतियोगिताओं को रोक रहे हैं। आपका अकाउंट बैलेंस सुरक्षित है और आप ड्रीम11 ऐप से पैसे निकाल सकते हैं।'

Dream Sports के CEO ने दिया ये संदेश

सूत्रों के अनुसार, Dream Sports के CEO हर्ष जैन ने इंटरनल मैसेज में कर्मचारियों को बताया कि कानून लागू होने के बाद ऑपरेशन जारी रखने का कोई कानूनी रास्ता नहीं है। कर्मचारियों, चाहे वे ऑन-रोल हों या कॉन्ट्रैक्चुअल, को ट्रांजिशन प्लान के बारे में जानकारी दी जा चुकी है। कंपनी अब अपने अन्य वर्टिकल्स- FanCode, DreamSetGo और Dream Game Studios पर फोकस करेगी।

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Dream Sports के लिए वजूद का संकट

नए ऑनलाइन गेमिंग बिल का पास होना Dream Sports के लिए तकरीबन वजूद खत्म होने का संकेत है। क्योंकि कंपनी का 90% से अधिक रेवेन्यू ऐतिहासिक रूप से Dream11 के पेड फैंटेसी कॉन्टेस्ट्स से आता रहा है। FY24 में ही इस प्लेटफॉर्म ने ₹9,600 करोड़ से अधिक का रेवेन्यू दर्ज किया। इसमें पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान रिकॉर्ड एंगेजमेंट शामिल था।

Dream Sports के रेवेन्यू में लाइव स्पोर्ट्स स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म FanCode और DreamSetGo जैसे वर्टिकल्स का योगदान अभी भी काफी मामूली है। यह बताता है कि Dream11 के बंद होने से कंपनी को कितना बड़ा झटका लगेगा।

28 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स 

Dream Sports की नीवं 2008 में हर्ष जैन और भावित शेठ ने रखी थी। इसके Dream11 ऐप का भारत के फैंटेसी स्पोर्ट्स मार्केट में पूरा दबदबा था। इसके पास 28 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स थे। Dream11 ने तेजी से सफलता पाई और आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप से लेकर टीम इंडिया के टाई-अप तक गहरी क्रिकेट पार्टनरशिप बनाई। लेकिन अब ग्रुप का सामना अपनी अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण स्थिति से है।

Dream Sports में ChrysCap, Multiples, TCV, Tiger Global जैसे बड़े नामों निवेश किया है। इसका अंतिम वैल्यूएशन $8 बिलियन (2021) था।

Dream Play

ये कंपनियां भी बंद रियल मनी सर्विस

Gameskraft – RummyCulture : गेम्सक्राफ्ट के ऑनलाइन रम्मी ऐप RummyCulture ने भी कहा है कि कैश जोड़ने और गेमप्ले सर्विसेज की सुविधा अस्थायी रूप से उपलब्ध नहीं है। कंपनी ने FY24 में कुल ₹947 करोड़ का प्रॉफिट रिपोर्ट किया था, जबकि उसकी ऑपरेटिंग रेवेन्यू ₹3,475 करोड़ थी।

Zupee: रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म Zupee ने 21 अगस्त को घोषणा की कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर 'पेड गेम्स' को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर रहा है, लेकिन प्लेटफॉर्म पूरी तरह से ऑपरेशनल रहेगा। कंपनी के फ्री गेम्स जैसे Ludo Supreme, Ludo Turbo, Snakes & Ladders, और Trump Card Mania सभी यूजर्स के लिए फ्री में उपलब्ध रहेंगे।

Probo: ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Probo ने भी तुरंत अपनी RMG ऑपरेशंस बंद करने की घोषणा की। कंपनी ने कहा कि भारत के नए ऑनलाइन गेमिंग बिल के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है और आगे तक यह ऑपरेशन स्थगित रहेगा।

ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के लिए तीन बड़े सवाल

  • ट्रांजिशन पीरियड: प्रतिबंध लागू होने से पहले कंपनियों के पास कितना समय होगा।
  • यूजर फंड्स: मौदूदा में एस्क्रो अकाउंट्स में रखी गई जमा राशि लौटाने का मैकेनिज्म।
  • ओवरसाइट अथॉरिटी: क्या कोई रेगुलेटर शटडाउन को गाइड करेगा और ई-स्पोर्ट्स या सोशल गेमिंग मॉडल में बदलने की अनुमति देगा।

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ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 में क्या है? 

ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 का मकसद पैसे लगाकर खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगाना है। साथ ही, इंटरनेट गेमिंग से जुड़े जोखिमों जैसे लत, मनी लॉन्ड्रिंग और कारोबारी अपराधों को रोकना है। बिल के अनुसार, ऑनलाइन मनी गेम्स कंपनियों के विज्ञापन पर रोक लगेगी और कारोबारी संस्थानों को गेमिंग के लिए फंडिंग या ट्रांजेक्शन करने से मना किया गया है।

यह बिल दो कैटेगरी में गेम्स को बांटता है- ई-स्पोर्ट्स और रियल मनी गेम्स। ई-स्पोर्ट्स जैसे GTA, Call Of Duty, BGMI और Freefire जारी रहेंगे। वहीं, रियल मनी गेम्स जैसे सट्टेबाजी, रम्मी, फैंटेसी क्रिकेट और लूडो पर्स पूरी तरह प्रतिबंधित होंगे और इनके लिए विशेष लाइसेंस जरूरी होगा।

कानून का उल्लंघन पर सख्त सजा

नए कानून के उल्लंघन पर सख्त सजा का प्रावधान भी बिल में शामिल है। रियल-मनी गेम चलाने पर तीन साल तक की जेल और/या 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। विज्ञापन देने पर दो साल की कैद और 50 लाख रुपए का जुर्माना लगेगा। इसके अलावा, मनी गेम्स पर लोन या फंडिंग देने पर भी तीन साल की जेल और/या 1 करोड़ रुपए जुर्माना होगा। बिल में स्किल गेम और गेम ऑफ चांस में कोई अंतर नहीं रखा गया है।

भारत में ऑनलाइन गेमिंग बाजार तेजी से बढ़ रहा है और 60 करोड़ गेमर्स सालाना लगभग 20,000 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं, इसलिए यह कानून समाज में बढ़ते जोखिमों को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है।

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Aug 21, 2025 9:28 PM

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