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फूड प्रोसेसिंग सेक्टर मिला तगड़ा बूस्ट, ये दिग्गज कंपनियां करने वाली हैं ₹1.02 लाख करोड़ का निवेश

भारत के फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को बड़ा बढ़ावा मिला है। World Food India 2025 समिट में रिलायंस, कोका-कोला और अमूल समेत दिग्गज कंपनियों ने 1.02 लाख करोड़ रुपये के निवेश समझौते किए, जिससे लाखों रोजगार और नए अवसर पैदा होंगे। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Sep 28, 2025 पर 11:15 PM
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समझौतों में शामिल कंपनियों में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय फूड इंडस्ट्री के बड़े नाम हैं।

भारत का फूड प्रोसेसिंग सेक्टर अब बड़े निवेश के जरिए तेजी से बढ़ने वाला है। 28 सितंबर को फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री ने बताया कि World Food India 2025 समिट के दौरान 26 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने 1.02 लाख करोड़ रुपये के समझौते (MoUs) किए हैं।

चार दिन चले इस कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के भारत मंडपम में किया गया। इसके समापन पर मंत्रालय ने कहा, 'ये MoUs सीधे तौर पर 64,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार देंगे और 10 लाख से अधिक लोगों के लिए अप्रत्यक्ष अवसर पैदा करेंगे।'

कौन-कौन कर रहा निवेश


समझौतों में शामिल कंपनियों में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय फूड इंडस्ट्री के बड़े नाम हैं। ये कंपनियां हजारों करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं।

  • Reliance Consumer Products Ltd: पूरे देश में फूड मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज के लिए 40,000 करोड़ रुपये का निवेश।
  • Coca-Cola India bottlers: 25,760 करोड़ रुपये (लगभग 2.96 अरब डॉलर) के नए और मौजूदा प्रोजेक्ट्स।

अन्य बड़े नाम: Amul (GCMMF), Nestlé India, Tata Consumer Products, Carlsberg India, Lulu Group’s Fair Exports, Patanjali Foods, Dabur India, Godrej Agrovet, AB InBev, Olam Food Ingredients, Haldiram, Mrs Bectors, Allana Consumer Products, Cremica Food Park, Bluepine Foods, BL Agro।

किन सेक्टर में किया जा रहा निवेश

इनमें डेयरी से रेडी-टू-ईट फूड तक सेक्टर्स शामिल हैं। ये निवेश भारत की फूड वैल्यू चेन के कई सेक्टर्स में किए जा रहे हैं। मंत्रालय के मुताबिक, इस विविधता से पारंपरिक कृषि-आधारित उद्योग और आधुनिक पैकेज्ड फूड दोनों में विकास सुनिश्चित होगा।

  • डेयरी, पोल्ट्री और मीट
  • पैकेज्ड और रेडी-टू-ईट फूड्स
  • अल्कोहॉलिक और नॉन-अल्कोहॉलिक ड्रिंक्स
  • मसाले, कंडिमेंट्स और मिठाइयां
  • फलों, सब्जियों और खाने के तेल

निवेश से पूरे भारत को फायदा

ये प्रोजेक्ट्स 15 से अधिक राज्यों में फैले होंगे। इनमें गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्य शामिल हैं। इस व्यापक पहुंच का मतलब है कि निवेश, रोजगार, किसान कनेक्शन और सप्लाई चेन का लाभ केवल कुछ राज्यों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे देश में फैलेगा।

मंत्रालय और Invest India ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि ये समझौते जमीन पर फैक्ट्रियों, सप्लाई चेन और नौकरियों के रूप में बदलें। मंत्रालय ने कहा, 'यह आयोजन सतत विकास, नवाचार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए मजबूत आधार तैयार करता है।' उसने इसे भारत के फूड सिस्टम के लिए मील का पत्थर बताया।

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