Ford Re-entry in India: करीब तीन साल पहले वर्ष 2021 में 200 करोड़ डॉलर का घाटा होने के बाद फोर्ड मोटर्स ने भारत से बाहर जाने का ऐलान किया था। इसके दो साल बाद जनवरी 2023 में कंपनी ने गुजरात में अपना प्लांट टाटा को बेच दिया। हालांकि चेन्नई के प्लांट को इसने नहीं बेचा और इसकी योजना टाल दी तो इसकी उम्मीद बंधी थी कि फोर्ड फिर से भारत में एंट्री कर सकती है। अब सामने आ गया है कि फोर्ड फिर से भारत में एंट्री कर सकती है।
अमेरिकी दौरे पर गए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने फोर्ड मोटर्स के अधिकारियों से मुलाकात की है। इसमें चेन्नई में कंपनी के प्लांट को फिर से खोलने की संभावना पर चर्चा हुई। यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब कई रिपोर्ट्स में अमेरिकी कंपनी की भारत में वापसी की संभावनाओं पर विचार करने का दावा किया जा रहा है। इस मुलाकात के बारे में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी। वह राज्य में निवेश के लिए 17 दिनों के अमेरिकी दौरे पर हैं।
भारत में सफल नहीं हो पाई Ford?
यह पहली बार नहीं जब फोर्ड की घर वापसी होगी। इससे पहले फोर्ड ने 1953 में भारत छोड़ा था। उस समय आयात पर सख्त प्रतिबंधों के चलते लागत बढ़ी तो कंपनी ने भारत छोड़ने का फैसला किया। इसके बाद कंपनी ने आधी-आधी हिस्सेदारी के साथ महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ मिलकर महिंद्रा फोर्ड इंडिया के जरिए भारत में एंट्री मारी। वर्ष 1998 तक इस ज्वाइंट वेंचर में फोर्ड इंडिया की हिस्सेदारी बढ़कर 72 पीसदी पर पहुंच गई और फिर यह फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बन गई।
वर्ष 2021 में फोर्ड ने भारत छोड़ने का ऐलान किया था। सितंबर 2021 में कम्यूलेटिल लॉस 200 करोड़ डॉलर पर पहुंचने और 25 साल बाद भी भारतीय मार्केट में महज 2 फीसदी हिस्सेदारी के चलते फोर्ड ने भारत छोड़ने का फैसला किया था। जनवरी 2023 में इसने गुजरात में स्थित अपना प्लांट टाटा को बेच दिया। खास बात ये है कि टाटा ने ही जून 2008 में इसके आइकॉनि ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को 230 करोड़ डॉलर के कैश पेमेंट में खरीदा था। फोर्ड ने इसे करीब आधे भाव में खरीदा था। इसके बाद फोर्ड की योजना तमिलनाडु में अपनी फैक्ट्री सज्जन जिंदल के जेएसडब्ल्यू ग्रुप को बेचने की थी जिसने एमडी मोटर इंडिया के लिए SAIC के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाकर ऑटो सेक्टर में एंट्री का ऐलान किया था। हालांकि बाद में कंपनी ने यह योजना टाल दी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कई कंपनियों के साथ किया MoU
10 सितंबर को स्टालिन ने खुलासा किया कि आईफोन कंपनी एपल की सप्लायर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट सप्लाई करने वाली जबील (Jabil) त्रिची में 2 हजार करोड़ रुपये के निवेश से मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी सेटअप करेगी। इससे करीब 5 हजार नौकरियां तैयार होंगी। स्टालिन ने नोकिया, पेपाल, अप्लाईड मैटेरियल्स, यील्ड इंजीनियरिगं सिस्टम्स और माइक्रोचिप समेत कई टेक कंपनियों के साथ MoU (मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) किए है।