अब सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स बनाने वाली कंपनियां स्पेशल इकोनॉमिक जोंस (एसईजेड) में छोटे प्लॉट पर फैक्ट्री बना सकेंगी। सरकार ने इसकी इजाजत दे दी है। दरअसल, सरकार देश में सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के उत्पादन को बढ़ावा देना चाहती है। ग्लोबल ट्रेड में अनिश्चितता की वजह से सेमीकंडक्टर्स और इलेक्टॉनिक कंपोनेंट्स की सप्लाई पर असर पड़ सकता है। अभी सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स का इंपोर्ट करना पड़ता है।
प्लॉट की साइज में बदलाव सबसे अहम फैसला
सरकार ने 3 जून को स्पेशल इकोनॉमिक जोंस (अमेंडमेंट) रूल्स, 2025 को नोटिफाय किया है। इसमें मैन्युफैक्चरर्स को मैन्युफैक्चरिंग और फिनिश्ड गुड्स को बेचने के मामले में कई तरह की आजादी दी गई है। नियम में सबसे अहम बदलाव SEZ में प्लॉट के साइज के मामले में है। सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के उत्पादन के लिए बनाए गए एक्सक्लूसिव SEZ में अब कंपनियां 10 हेक्टेयर के प्लॉट पर भी फैक्ट्रीज लगा सकेंगी। पहले फैक्ट्री लगाने के लिए 50 हेक्टेयर का प्लॉट जरूरी था। यह छूट स्टार्टअप्स को भी दी गई है।
मल्टी प्रोडक्ट के एसईजेड में भी प्लॉट में बदलाव
सरकार ने मल्टी-प्रोडक्ट SEZ में भी फैक्ट्री लगाने के लिए प्लॉट की मिनिम साइज में बदलाव किया है। अब इसे 20 हेक्टेयर से घटाकर 4 हेक्टेयर कर दिया गया है। यह नियम Goa, Uttarakhand, Himachal Pradesh, Nagaland, Manipur, Mizoram, Arunachal Pradesh, Tripura, Meghalaya, Sikkim, Ladakh, Puducherry, Andaman and Nicobar, Lakshadweep, Daman and Diu, और Dadra and Nagar Haveli स्थिति एसईजेड पर लागू होगा।
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इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के आइटम्स का दायरा भी बढ़ा
सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के तहत आने वाले आइटम्स का दायर भी बढ़ा दिया है। अब स्मार्ट वॉच, ईयरबड्स, डिस्प्ले मॉड्यूल सब-एसेंबली, बैटरी सब-एसेंबली, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, मोबाइल और आईटी टेक्नोलॉजी से जुड़े हार्डवेयर भी इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के दायरे में आएंगे। सरकार ने मैन्युफैक्चरर्स को अपनी इनवेंट्री के प्रंबधन के लिए ज्यादा विकल्प दिए हैं। अब कंपनियां सीधे इंडिया से गुड्स का एक्सपोर्ट कर सकती हैं या दूसरे देश (डोमेस्टिक टैरिफ एरिया) में टैक्स चुकाकर बेच सकती हैं।