GST Reforms: देश में एक बार फिर से त्योहारों का सीजन आने वाला है और इसके साथ ही बाजार में रौनक लौटने की उम्मीद बढ़ गई है। बीते दिनों केंद्र सरकार की तरफ से जीएसटी के स्लैब में बदलाव को लेकर एक अच्छी खबर आई जो इस रौनक को और बढ़ा सकती है। बे कैपिटल इन्वेस्टमेंट्स एडवाइजर्स के CIO केयूर मजूमदार ने मनीकंट्रोल से बात करते हुए कहा कि, 'जीएसटी में बदलाव सितंबर तक हो सकता है, जो दिवाली जैसे त्योहारों के आने से ठीक पहले होगा। उनका मानना है कि सरकार का यह कदम लोगों का मूड और खरीदारी, दोनों को बूस्ट करेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में नई जान आ सकती है।'
उनका मानना है कि इस साल के दूसरे छमाही में बाजार का ध्यान टैरिफ यानी टैक्स की खबरों से हटकर इन सुधारों से घरेलू बाजार में होने वाली मांग पर जाएगा। उन्होंने कहा, 'आखिरकार, कंपनियों को फायदा होना ही चाहिए ताकि बाजार और ऊपर जा सके।'
जब उनसे पूछा गया कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25% एक्सट्रा टैरिफ का क्या असर होगा, तो उन्होंने कहा कि बाजार ने इस खबर को पहले ही पचा लिया है। अब बाजार पर अब इसका कोई बड़ा या नया असर नहीं पड़ेगा। उनका कहना है कि पिछले एक साल से बाजार लगभग एक ही जगह पर है, लेकिन अब मार्केट का ध्यान बाहरी खबरों से हटकर देश के अंदरूनी मामलों पर जाएगा। मजूमदार के मुताबिक, सरकार ने हाल ही में जीएसटी को आसान बनाने की बात कही है। उनका मानना है कि सरकार की कोशिशें घरेलू खरीदारी और विकास को बढ़ाने में मददगार साबित होंगी।
GST में बदलाव से किन कंपनियों को होगा फायदा?
मजूमदार के मुताबिक, जीएसटी के आसान होने से उन कंपनियों को फायदा होगा जिनकी मांग देश के भीतर ज्यादा है, खासकर खाने-पीने और दूसरी रोजमर्रा की चीजों को बनाने वाली कंपनियों को। उन्होंने कहा कि इस सुधार और साल की शुरुआत में हुई टैक्स कटौती से लोगों की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा और वे ज्यादा खरीदारी कर पाएंगे। इससे कई उपभोक्ता-केंद्रित कंपनियों का मुनाफा बढ़ेगा।
RBI की नीति और बैंकिंग सेक्टर पर नजर
मजूमदार से जब पूछा गया कि क्या ईएमएस और सीमेंट जैसे कुछ सेक्टर्स में बहुत तेजी आएगी, तो उन्होंने कहा कि घरेलू मांग वाले सेक्टर बेहतर कर सकते हैं, लेकिन उनके शेयरों के दाम पहले से ही बहुत ऊंचे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें नहीं लगता कि आरबीआई (RBI) 2025 में ब्याज दरें घटाएगा। उनका मानना है कि आरबीआई घरेलू मांग को बढ़ाने और टैरिफ जैसे झटकों से बचाने के लिए कोई भी कदम उठाने में हिचकेगा नहीं।
बैंकिंग सेक्टर में जोखिम के सवाल पर, मजूमदार ने कहा कि बैंक में जमा और लोन देने की रफ्तार अब एक जैसी हो गई है। उन्होंने बताया कि बैंकों पर माइक्रोफाइनेंस सेक्टर से आने वाला बड़ा खतरा अब लगभग खत्म हो गया है, लेकिन परिवारों पर अभी भी कर्ज ज्यादा है। उनका कहना है कि बैंकिंग सेक्टर को कोई बड़ा झटका लगने की संभावना नहीं है, और आरबीआई जरूरत पड़ने पर मदद के लिए तैयार रहेगा।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की अपनी राय पर आधारित है। कोई भी निवेश का फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से जरूर सलाह लें।