HDFC Bank-लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट के बीच उपजे विवाद में अब बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO शशिधर जगदीशन ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने ट्रस्ट की ओर से दर्ज कराई गई FIR को रद्द करने की अपील की है। लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (LKMM ट्रस्ट) मुंबई के लीलावती अस्पताल का संचालन करती है। ट्रस्ट ने अपनी FIR में जगदीशन पर चेतन मेहता समूह को लीलावती ट्रस्ट पर कथित रूप से अवैध नियंत्रण बनाए रखने में मदद करने के लिए 2.05 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।
ट्रस्ट ने अपनी FIR में दावा किया है कि जगदीशन ने एक मौजूदा ट्रस्टी के पिता को कथित रूप से परेशान करने के लिए ट्रस्ट के एक पूर्व सदस्य से 2.05 करोड़ रुपये लिए थे। यह लेन-देन कथित तौर पर वर्तमान ट्रस्ट सदस्यों को मिली हाथ से लिखी एक डायरी में दर्ज है। मुंबई मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 30 मई के आदेश में बांद्रा पुलिस को जगदीशन और 7 अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया। पुलिस को आगे सबूत इकट्ठा करने का भी निर्देश दिया गया।
RBI से की जगदीशन को तुरंत सस्पेंड करने की अपील
ट्रस्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जगदीशन को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने की अपील की है। साथ ही उन पर मुकदमा चलाने का भी आग्रह किया है। ट्रस्ट ने HDFC Bank के सीईओ के अलावा, पूर्व बैंक अधिकारियों सहित 8 लोगों पर यह भी आरोप लगाया कि बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने संदिग्ध संपत्ति लेनदेन के माध्यम से 25 करोड़ रुपये का हेरफेर होने दिया। रेड अलर्ट के बावजूद वे ट्रांसफर को रोकने में विफल रहे और उचित जांच के बिना खाते को बंद करने की इजाजत दी।
क्या है HDFC Bank का कहना
HDFC Bank के प्रवक्ता ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इनका खंडन किया है। कहा है कि न ही बैंक और न ही इसके CEO किसी भी गैरकानूनी, अनैतिक या अनुचित आचरण में शामिल नहीं हैं। बैंक अपने बयान में कहा चुका है, "HDFC Bank के MD और CEO शशिधर जगदीशन को बेईमान व्यक्ति निशाना बना रहे हैं। वे बैंक को लंबे समय से बकाया कर्ज की वसूली से रोकने के लिए कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।" बैंक का कहना है कि ट्रस्टी प्रशांत मेहता और उनके परिवार के सदस्यों पर एचडीएफसी बैंक का काफी बकाया है। मेहता ने कभी भी इस बकाए को नहीं चुकाया। बैंक ने पिछले दो दशकों में वसूली और एनफोर्समेंट की कार्रवाई की है और हर स्तर पर प्रशांत मेहता और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने कई परेशान करने वाली कानूनी कार्रवाई की हैं। सुप्रीम कोर्ट सहित सभी स्तरों पर लगातार विफल होने के बाद, अब उन्होंने बैंक के एमडी और सीईओ के खिलाफ इस तरह का हथकंडा अपनाया है।