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UGRO कैपिटल ने प्रोफेक्टस कैपिटल को खरीदा, ₹1400 करोड़ में हुई डील; MSME लेंडिंग में बढ़ेगा दबदबा

UGRO Capital ने ₹1,400 करोड़ में Profectus Capital का अधिग्रहण किया है। इस डील से कंपनी को कई नए सेगमेंट में विस्तार का अवसर मिलेगा। इससे RoA और प्रॉफिट में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है।

अपडेटेड Jun 17, 2025 पर 11:34 PM
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Profectus Capital डील के तहत UGRO की पूरी तरह स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन जाएगी।

BSE स्मॉलकैप में शामिल नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) UGRO Capital ने प्रोफेक्टस कैपिटल (Profectus Capital) में 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया है। यह ₹1,400 करोड़ की पूरी नकद डील है। यह सौदा Actis Group के दो ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी निवेशकों- Actis PC Investment और Actis PC (Mauritius) से शेयर खरीद समझौते (SPA) के तहत किया गया है।

कंपनी के अनुसार, यह अधिग्रहण पहले दिन से वैल्यू-ऐक्रेटिव होगा और इसके जरिए UGRO Capital को MSME लेंडिंग सेगमेंट में अपनी मौजूदगी को मजबूती देने का अवसर मिलेगा। Profectus फिलहाल ₹3,468 करोड़ की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) के साथ सात राज्यों में 28 शाखाओं और 800 से अधिक कर्मचारियों के नेटवर्क के साथ काम करती है।

किस वैल्यूएशन पर हुई है डील


यह ट्रांजैक्शन Profectus की अनुमानित FY26 नेटवर्थ पर 1.07 गुना वैल्यूएशन पर हुआ है। UGRO ने बताया कि इस अधिग्रहण के लिए फंडिंग हाल ही में जुटाए गए इक्विटी पूंजी और आंतरिक संसाधनों से की जाएगी।

नए सेगमेंट में एंट्री से ग्रोथ की संभावना

इस डील से UGRO को एम्बेडेड फाइनेंस और स्कूल फाइनेंसिंग जैसे नए सेक्टर में एंट्री मिलेगी, जो कंपनी के लिए अब तक अनछुए थे। कंपनी को उम्मीद है कि इस सौदे से उसे ₹2,000 करोड़ तक की अतिरिक्त लोन ग्रोथ का मौका मिलेगा।

Profectus Capital डील के तहत UGRO की पूरी तरह स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन जाएगी। हालांकि, जब तक शेयरधारकों और RBI से मंजूरी नहीं मिल जाती, दोनों कंपनियां स्वतंत्र रूप से काम करना जारी रखेंगी।

ऑपरेशनल एफिशिएंसी और RoA में होगा सुधार

UGRO को इस अधिग्रहण के जरिए सालाना ₹115 करोड़ तक की ऑपरेशनल एफिशिएंसी हासिल होने की उम्मीद है। साथ ही, नेट प्रॉफिट में भी ₹150 करोड़ तक की वृद्धि हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, इससे कंपनी का रिटर्न ऑन एसेट्स (RoA) FY26 में 3.5% और FY27 में 4.5% तक पहुंच सकता है, जो अब तक लगभग 0.6–0.7 प्रतिशत पॉइंट्स ज्यादा होगा।

UGRO पहले से ही 17 बैंकों और NBFCs के साथ को-लेंडिंग कर रही है, और इसकी कुल AUM का 42% हिस्सा ऑफ-बैलेंस शीट एसेट्स से आता है।

1% MSME मार्केट हिस्सेदारी का टारगेट

UGRO 2018 से अब तक ₹2,500 करोड़ से अधिक इक्विटी फंडिंग जुटा चुकी है और अब उसका लक्ष्य भारत के MSME लोन बाजार में 1% हिस्सेदारी हासिल करना है। डील की पूंजी व्यवस्था के तहत, UGRO बोर्ड और शेयरधारकों से मंजूरी लेकर मौजूदा कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (CCDs) के ऑब्जेक्ट्स में “अधिग्रहण” को जोड़ने का प्रस्ताव भी लाने जा रही है।

UGRO Capital के शेयर मंगलवार (17 जून) को NSE पर 1.91% की गिरावट के साथ 169.90 रुपये पर बंद हुए। बीते एक साल के दौरान स्टॉक में 35.79% की गिरावट आई है।

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