एचडीएफसी बैंक लिमिटेड (HDFC Bank) ने विलय के बाद टॉप मैनेजमेंट के कुछ हिस्सों में बदलाव किया है। मामले से परिचित लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बैंक ने रविवार देर रात कर्मचारियों को एक मेमो में बदलावों के बारे में विस्तार से बताया है। दरअसल, मर्जर के तीन महीने बाद बैंक अपने मॉर्गेज बिजनेस (Mortgage) को आगे बढ़ाना चाहता है, जिसके चलते जरूरी सुधार किए गए हैं। HDFC बैंक ने जुलाई में हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (HDFC) के साथ मर्जर किया था। आज 3 अक्टूबर को बैंक के शेयरों में 1.20 फीसदी की गिरावट आई है और यह स्टॉक 1508 रुपये के भाव पर बंद हुआ है।
सूत्रों ने कहा कि इस बदलाव के तहत रमेश लक्ष्मीनारायणन के नेतृत्व वाले इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और डिजिटल फंक्शन को सीधे CEO शशिधर जगदीशन के अधीन ला दिया गया है। बैंक अपनी शाखाओं में अधिक प्रोडक्ट्स और सर्विसेज ऑफर करने के लिए टेक्नोलॉजी पर निर्भर है, जिसके चलते यह बदलाव किया गया है। इसके अलावा, 2009 से ट्रेजरी को लीड करने वाले आशीष पार्थसारथी को प्रमुख रिटेल ब्रांच बिजनेस की जिम्मेदारी मिलेगी।
पार्थसारथी की अगुवाई में बैंक रिटेल ब्रांच बिजनेस के ज्योग्राफिकल मैनेजमेंट को बांट रहा है। इसका सह-नेतृत्व स्मिता भगत और संपत कुमार करेंगे। स्मिता भगत बैंक की सीनियर महिला अधिकारियों में से एक हैं। वह पहले सरकारी और इंस्टीट्यूशनल बिजनेस, इकोसिस्टम बैंकिंग, इंक्लूसिव बैंकिंग और स्टार्ट-अप की ग्रुप हेड थीं। वहीं, संपत कुमार बैंक में लायबिलिटी प्रोडक्ट्स, थर्ड पार्टी प्रोडक्ट्स और नॉन-रेजिडेंट बिजनेस के ग्रुप हेड थे।
रिटेल ब्रांच बिजनेस का नेतृत्व करने वाले अरविंद वोहरा अब बैंक के रिटेल एसेट्स की जिम्मेदारी संभालेंगे। मॉर्गेज की जिम्मेदारी अरविंद कपिल को दी गई है. पेमेंट्स, कंज्यूमर फाइनेंस और डिजिटल बैंकिंग का नेतृत्व करने वाले पराग राव अब प्रोडक्ट लायबिलिटीज के साथ-साथ मार्केटिंग सहित प्रोडक्ट मैनेजमेंट को लीड करेंगे। राकेश सिंह इन्वेस्टमेंट और प्राइवेट बैंकिंग का नेतृत्व करना जारी रखेंगे और उनके पास ऑफशोर इंटरनेशनल बिजनेस की अतिरिक्त जिम्मेदारी होगी।
जुलाई में हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प (HDFC) के अधिग्रहण के बाद से बैंक के शेयर दबाव में आ गए हैं। मर्जर के बाद यह दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक बन गया है। पिछले महीने ब्रोकरेज हाउस नोमुरा ने HDFC Bank की रेटिंग घटा दी थी। ब्रोकरेज ने इसकी रेटिंग को Buy से घटाकर Neutral करने का निर्णय लिया। इसके चलते बैंक के शेयरों में गिरावट देखी गई।