पूर्व CFO ने कंपनी के पैसे F&O में लगाएं, ₹250 करोड़ हुआ नुकसान; अब हैं 'लापता'

Gameskraft CFO fraud: गेम्सक्राफ्ट के पूर्व CFO रमेश प्रभु ने कंपनी के पैसे F&O ट्रेडिंग में लगाए और करीब ₹250 करोड़ का नुकसान किया। कंपनी ने FIR दर्ज कराई है। प्रभु मार्च से लापता हैं। इस मामले का कंपनी की कारोबारी सेहत पर काफी बुरा असर हुआ है। जानिए पूरी डिटेल।

अपडेटेड Sep 16, 2025 पर 3:58 PM
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प्रभु ने इस गलती की पूरी जिम्मेदारी ली और माना कि उन्होंने कंपनी के भरोसे को तोड़ा।

Gameskraft CFO fraud: 5 मार्च को गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजीज के पूर्व ग्रुप चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) रमेश प्रभु ने कंपनी को हिला कर रख दिया। प्रभु ने एक ईमेल भेजकर खुद ही कबूल किया कि उन्होंने पिछले तीन-चार सालों में कंपनी के पैसे अपने फायदे के लिए फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग में लगाए। यह जोखिम भरा कदम उन्हें बहुत महंगा पड़ा और करीब 250 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ।

कैसे हुआ खुलासा

यह मामला तब सामने आया जब 9 सितंबर को बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में प्रभु के खिलाफ FIR दर्ज हुई। शिकायत गेम्सक्राफ्ट ने ही दर्ज कराई थी। FIR की कॉपी मनीकंट्रोल ने देखी है।


प्रभु ने इस गलती की पूरी जिम्मेदारी ली और माना कि उन्होंने कंपनी के भरोसे को तोड़ा। उन्होंने साफ कहा कि इस पूरे मामले में कोई और कर्मचारी शामिल नहीं था, यानी यह काम उन्होंने अकेले ही किया।

गेम्सक्राफ्ट के आरोप

FIR में गेम्सक्राफ्ट ने कहा कि प्रभु ने करीब पांच सालों में 270.43 करोड़ रुपये बेईमानी से हड़प लिए और बिना किसी इजाजत या मंजूरी के उन्हें अपनी ट्रेडिंग में इस्तेमाल किया।

FIR में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराएं लगाई गई हैं, जो भारतीय दंड संहिता (IPC) से मेल खाती हैं। इनमें चोरी, आपराधिक विश्वासघात, संपत्ति छिपाना, जालसाजी और खातों में हेरफेर जैसे आरोप शामिल हैं।

जांच में क्या निकला?

प्रभु के ईमेल के बाद गेम्सक्राफ्ट ने खुद जांच की। इसमें पता चला कि FY20 से FY25 के बीच उन्होंने 231.39 करोड़ रुपये के अनधिकृत लेन-देन किए।

इसमें से 211.53 करोड़ रुपये को कंपनी की बुक्स में गलत तरीके से ‘निवेश’ दिखाया गया। 31 मार्च 2024 तक इसकी वैल्यू 250.57 करोड़ रुपये बताई गई थी। FY25 में 19.86 करोड़ रुपये और जोड़कर ‘निवेश’ के नाम पर दिखाया गया। इसके चलते कंपनी को मजबूरन वित्त वर्ष 2024-25 के नतीजों में 270.43 करोड़ रुपये का घाटा लिखना पड़ा।

Gameskraft image

प्रभु ने कैसे की गड़बड़ी?

जांच में पता चला कि प्रभु ने RBL बैंक में एक खाता खोला था, जिसे सिर्फ वे ही चला रहे थे। इसी खाते से प्रभु कंपनी के पैसे निकालकर अपने पर्सनल अकाउंट में डालते थे और कंपनी की बुक्स में उसे ‘निवेश’ दिखा देते थे।

इतना ही नहीं, उन्होंने बैंक स्टेटमेंट तक बदल दिए और नकली म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट बनाकर यह साबित करने की कोशिश की कि पैसा निवेश किया गया है। कंपनी का आरोप है कि यह सब प्रभु ने सोच-समझकर किया ताकि पैसे हड़पे जा सकें। वे 1 मार्च 2025 से ऑफिस नहीं आए और ईमेल भेजने के बाद से उनका कोई पता नहीं चला।

प्रभु का बैकग्राउंड कैसा है?

47 साल के प्रभु चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। वह बेंगलुरु के हेब्बल इलाके में रहते हैं। प्रभु 2018 में गेम्सक्राफ्ट के CFO बने थे। इससे पहले उन्होंने थ्री व्हील्स यूनाइटेड नाम की कंपनी शुरू की थी और उसके सीईओ रहे थे। यह कंपनी ऑटो ड्राइवरों को किफायती लोन दिलाने का काम करती थी।

मुश्किल समय में आया संकट

यह पूरा मामला ऐसे समय आया है जब सरकार ने ऑनलाइन रियल-मनी गेम्स पर पूरी तरह बैन लगाने वाला नया कानून पास किया है।

गेम्सक्राफ्ट को 2017 में पृथ्वी सिंह ने शुरू किया था। कंपनी ने पिछले महीने अपनी रम्मी ऐप्स जैसे रम्मीकल्चर बंद कर दी थीं। मई 2025 में उसने अपना ऑनलाइन पोकर प्लेटफॉर्म पॉकेट52 भी रोक दिया था। कंपनी ने साफ कर दिया कि वह इस कानून के खिलाफ कोर्ट नहीं जाएगी और अब नए बिजनेस मॉडल पर ध्यान देगी।

गेम्सक्राफ्ट के कारोबार पर असर

सितंबर की शुरुआत में कंपनी ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में उसका शुद्ध मुनाफा 25% गिरकर 706 करोड़ रुपये रह गया, जबकि एक साल पहले यह 947 करोड़ रुपये था। इसमें 270.5 करोड़ रुपये का खास नुकसान भी शामिल था, जो कि प्रभु की F&O ट्रेडिंग की वजह से हुआ।

कंपनी ने कहा कि मुनाफे में यह गिरावट मुख्य रूप से 28% जीएसटी की वजह से हुई। इससे टैक्स का बोझ वित्त वर्ष 2024-25 में 2,526 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 1,512 करोड़ रुपये था। इसके साथ ही 231 करोड़ रुपये के पुराने गड़बड़ लेन-देन को भी हिसाब में एडजस्ट करना पड़ा। हालांकि, कंपनी की आमदनी बढ़ी। वित्त वर्ष 2024-25 में उसका रेवेन्यू 13.9% बढ़कर 4,009 करोड़ रुपये हो गया। यह एक साल पहले 3,521 करोड़ रुपये था।

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Sep 16, 2025 3:58 PM

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