भारत ने यूरोपीय यूनियन से टेक्सटाइल्स, लेदर और जेम्स एंड ज्वैलरी के एक्सपोर्ट पर टैरिफ घटाने को कहा है। भारत की दलील है कि ये ऐसे सेक्टर हैं, जिनमें इंडिया में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार हासिल है। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। इंडिया और यूरोपीय यूनियन (ईयू) के बीच काफी समय से ट्रेड डील के लिए बातचीत चल रही है। अभी ईयू इंडिया से जेम्स एंड ज्वेलरी के एक्सपोर्ट पर 15-25 फीसदी टैरिफ लगाता है। लेदर प्रोडक्ट्स पर 17 फीसदी टैरिफ है, जबकि टेक्सटाइल्स पर 10-12 फीसदी टैरिफ है।
भारत-ईयू के बीच 13वीं दौर की बातचीत 8-12 सितंबर को हुई
अधिकारी ने बताया कि इंडिया का फोकस Textiles, Leather और Gems and Jewellery जैसे लेबर इनटेंसिव सेक्टर के एक्सपर्ट पर है। उन्होंने कहा कि हम इन सेक्टर के एक्सपोर्ट पर टैरिफ घटाने की मांग कर रहे हैं। यही वजह है कि EU से ट्रेड डील में समय लग रहा है। दोनों पक्ष ऐसी ट्रेड डील चाहते हैं जो दोनों के लिए फायदेमंद हो। इंडिया और ईयू के बीच डील के लिए 13वीं दौर की बातचीत 8 से 12 सितंबर के बीच हुई। कॉमर्स मिनिस्ट्री ने 15 सितंबर को कहा कि बातचीत में कई मसलों पर दोनों पक्षों में सहमित बनी।
भारत यूरोप से आने वाली वाइन पर 150 फीसदी टैरिफ लगाता है
ईयू भारत से ऑटोमोबाइल्स और वाइन (Wine) पर टैरिफ में रियायत चाहता है। ईयू 27 यूरोपीय देशों का संगठन है, जिसमें फ्रांस और जर्मनी जैसे बड़े और ताकतवर यूरोपीय देश शामिल हैं। अधिकारी ने कहा, "ईयी में 27 देश शमिल हैं और देश की अलग-अलग चिंता है। कुछ यूरोपीय देशों की दिलचस्पी ऑटोमोबाइल्स में है तो कई देश वाइन पर कम टैरिफ चाहते हैं।" अभी इंडिया ईयू के वाइन पर 150 फीसदी टैरिफ लगाता है। 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाली इंडिया कंप्लिट्ली बिल्ट-अप (CBU) पैसेंजर व्हीकल्स पर 110 फीसदी टैरिफ लगाता है। 40,000 डॉलर तक की गाड़ियों पर 70 फीसदी टैरिफ लगाता है।
ईयू इंडिया का 10वां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है
EU ने 2023-24 में 41.6 करोड़ डॉलर की वाइन इंडिया को एक्सपोर्ट किया था। इसने इंडिया को 2 अरब डॉलर से ज्यादा मूल्य का गाड़ियों और उनके पार्ट्स का एक्सपोर्ट इंडिया को किया था। इनमें 41.6 करोड़ डॉलर का CBU भी शामिल हैं। ईयू इंडिया को ज्यादातर CKD फॉर्म में कारों का एक्सपोर्ट करता है। इनकी लोकल एसेंबली और सेल होती है। इस पर 15 फीसदी टैरिफ लगता है। ईयू इंडिया को 1.4 अरब डॉलर से ज्यादा मूल्य के ऑटो कंपोनेंट्स का इंपोर्ट करता है। ईयू इंडिया का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। इसका इंडिया के कुल ट्रेड में 12.2 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है।