Gameskraft Layoff News: 120 एंप्लॉयीज की छंटनी, ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स पर बैन और एक फ्रॉड ने दिया झटका

Gameskraft Layoff: कुछ समय पहले सरकार ने रियल-मनी ऑनलाइन गेमिंग पर बैन लगा दिया। इसके चलते पूरी इंडस्ट्री में हलचल मच गई और छंटनी की लहर चल पड़ी। अब गेम्सक्राफ्ट से 120 एंप्लॉयीज की छंटनी हो रही है। वैसे इसकी एक वजह एक फर्जीवाड़ा भी है। डिटेल्स में पढ़ें और जानिए कि छंटनी के बाद बाहर निकलने वाले एंप्लॉयीज का क्या होगा?

अपडेटेड Sep 18, 2025 पर 2:13 PM
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Gameskraft Layoff News: रियल-मनी गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट (Gameskraft) में करीब 120 एंप्लॉयीज की छुट्टी हो रही है। हालांकि इसका असर और भी एंप्लॉयीज पर पड़ सकता है।

Gameskraft Layoff News: रियल-मनी गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट (Gameskraft) में करीब 120 एंप्लॉयीज की छुट्टी हो रही है। हालांकि इसका असर और भी एंप्लॉयीज पर पड़ सकता है। इसका असर कई टीम और फंक्शन पर पड़ेगा। यह कंपनी के कारोबारी ढांचे में बदलाव का एक हिस्सा है लेकिन यह ऐसे समय में हो रहा है जब कंपनी अपने पूर्व सीएफओ रमेश प्रभु से जुड़े एक धोखाधड़ी घोटाले में फंसी हुई है। रमेश प्रभु पर लगभग पांच वर्षों में ₹270.43 करोड़ हड़पने का आरोप है। मनीकंट्रोल की 16 सितंबर की रिपोर्ट के मुताबिक गेम्सक्राफ्ट की शिकायत के बाद रमेश प्रभु के खिलाफ बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया जा चुका है।

Gameskraft Layoff: छंटनी वाले एंप्लॉयीज को क्या देगी कंपनी?

गेम्सक्राफ्ट के फाउंडर पृथ्वी सिंह का कहना है कि छंटनी का फैसला काफी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि कंपनी के हर एंप्लॉयीज ने इसे आगे ले जाने में अपना योगदान किया है और कंपनी को यहां तक लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि अब बदली हुई परिस्थिति में छंटनी का फैसला लेना पड़ा। अभी तो कंपनी 120 एंप्लॉयीज की छंटनी कर रही है लेकिन यह संख्या आगे बढ़ सकती है क्योंकि प्रक्रिया अभी भी चल रही है। जिन एंप्लॉयीज की छंटनी होगी, उन्हें टोटल सैलरी के आधार पर लीव एनकैशमेंट समेत एंप्लॉयमेंट एग्रीमेंट्स के मुताबिक मुआवजा मिलेगा। कंपनी का कहना है कि छंटनी के बाद भी मार्च 2026 तक या नई कंपनी जॉइन करने तहत एंप्लॉयीज ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस कवर एक्टिव रहेगा। कंपनी के मुताबिक एंप्लॉयीज के पास अपनी कॉरपोरेट पॉलिसी को इंडिविजुअल पॉलिसी में बदलने का विकल्प रहेगा।


कैसी है कारोबारी सेहत?

वर्ष 2017 में बनी गेम्सक्राफ्ट ती शुरुआत पृथ्वी सिंह ने की थी। कंपनी के कारोबारी सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2025 में इसका शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 25% गिरकर ₹706 करोड़ पर आ गया। इसमें ₹270.5 करोड़ का एक्सपेश्नल आइटम शामिल है। हालांकि कंपनी का कहना है कि मुनाफे में गिरावट की मुख्य वजह 28% की दर से जीएसटी है। वित्त वर्ष 2025 में टैक्स पर कंपनी के ₹2,526 करोड़ खर्च हुए। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 13.9% बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में ₹4,009 करोड़ पर पहुंच गया।

इंडस्ट्री में छंटनी से मचा है कोहराम

रियल मनी गेम्स पर बैन के बाद गेम्सक्राफ्ट ने रमीकल्चर (Rummyculture) समेत अपने ऑनलाइन रमी ऐप्स बंद कर दिए। इसके अलावा गेम्सक्राफ्ट ने मई 2025 में अपने ऑनलाइन पोकर प्लेटफॉर्म पॉकेट52 का काम बंद कर दिया। अब इसने छंटनी शुरू की है। इससे पहले ऑनलाइन रमी प्लेटफॉर्म ए23 कमी ऑपरेट करने वाली हेड डिजिटल वर्क्स ने करीब 500 एंप्लॉयीज यानी अपने दो-तिहाई वर्कफोर्स और जूपी ने 170 एंप्लॉयीज की छंटनी की। मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) भी अपने भारतीय टीम से करीब 60-80% वर्कफोर्स यानी 500-600 एंप्लॉयीज की छंटनी कर रही है। बाजी गेम्स (मूनशाइन टेक्नोलॉजी) के निवेश वाली नजारा टेक्नोलॉजीज जो पोकर ऑनलाइन पोकर प्लेटफॉर्म पोकरबाजी चलाती है, वह करीब 45% यानी 200 ले अधिक एंप्लॉयीज की छंटनी कर रही है। इसके अलावा ऑनलाइन रमी प्लेटफॉर्म रमी सर्किल और फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म माय11सर्किल चलाने वाली गेम्स24*7 में भी बड़े पैमाने पर छंटनी हुई है।

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First Published: Sep 18, 2025 2:04 PM

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