SoftBank Vision Fund Layoff: सॉफ्टबैंक ग्रुप में बड़े पैमाने पर छंटनी की तैयारी चल रही है। इसकी विजन फंड टीम से दुनिया भर में करीब 20% एंप्लॉयीज की छंटनी होगी। भारी पैमाने पर इस छंटनी की वजह ये है कि इसके सॉफ्टबैंक के फाउंडर मासायोशी सोन अमेरिका में बड़े पैमाने पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर दांव लगा रहे हैं और सॉफ्टबैंक विजन फंड में छंटनी इसी का एक हिस्सा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। वर्ष 2022 के बाद से जापानी इंवेस्टमेंट ग्रुप के फ्लैगशिप फंड में यह तीसरी बार है, जब एंप्लॉयीज को झटका लग रहा है। विजन फंड में दुनिया भर में 300 से अधिक एंप्लॉयीज काम कर हे हैं।
धमाकेदार कारोबारी नतीजे के बावजूद छंटनी का फैसला
तीन साल में तीसरी बार छंटनी कर रहे सॉफ्टबैंक विजन फंड ने इससे पहले जब दो बार छंटनी की थी, तो उस समय ग्रुप भारी घाटे से जूझ रहा था। वहीं अब इस फंड से करीब 20% एंप्लॉयीज की छंटनी ऐसे समय में की जा रही है, जब पिछले महीने ही इसने अपना रिजल्ट पेश किया और इसमें सामने आया कि जून 2021 के बाद से यह सबसे तगड़ी तिमाही रही। एनवीडिया जैसे पब्लिक होल्डिंग्स से तगड़े मुनाफे पर इसकी तिमाही शानदार रही।
क्या है SoftBank Vision Fund की स्ट्रैटेजी?
सॉफ्टबैंक विजन फंड नए दांव जारी रखेगा और एआई से जुड़ी पहल पर अधिक रिसोर्सेज लगाए जाएंगे। जैसे कि $50 हजार करोड़ की स्टारगेट प्रोजेक्ट पर अब फंड का अधिक फोकस रहेगा। इस प्रोजेक्ट में अमेरिका में ओपनएआई के साथ साझेदारी में एक भारी-भरकम डेटा सेंटर नेटवर्क बनाया जाएगा। विजन फंड के प्रवक्ता ने भी छंटनी की पुष्टि कर दी है और कहा कि लॉन्ग टर्म स्ट्रैटेजी के हिसाब से कंपनी में लगातार बदलाव होते रहते हैं ताकि स्टेकहोल्डर्स के निवेश पर लॉन्ग टर्म में अधिक वैल्यू तैयार हो सके। यह मासायोशी सोन की बदलती स्ट्रैटजी को दिखाता है। उन्होंने शुरुआती दौर में एआई पर दांव लगाया और अब उनका फोकस फाउंडेशन मॉडल्स और AI के इन्फ्रास्ट्रक्चर लेयर में आक्रामक रूप से निवेश का है, भले ही यह प्रीमियम वैल्यूएशन पर क्यों न हो।
पिछले 12 महीने में मासायोशी सोन ने करीब $6580 करोड़ का फंड मैनेज कर रही विजन फंड 2 के जरिए ओपनएआई में $970 करोड़ डाले हैं। सॉफ्टबैंक अपनी चिप डिजाइनर Arm को लेकर एक भारी-भरकम पूंजी वाली इंफ्रा स्ट्रैटेजी भी बना रही है। इसके तहत इसने ग्राफकोर और एंपियर कंप्यूटिंग जैसी चिप कंपनियां खरीदी हैं। इसके अलावा इंटेल और एनवीडिया के शेयर खरीदे हैं। इसका उद्देश्य चिप, डेटा सेंटर्स और मॉडल्स का ऐसा इकोसिस्टम बनाना है जो आने वाले समय में एआई को अपनाने में मदद कर सके।