Deutsche Bank के शेयरों में भारी गिरावट, जर्मनी में भी छाया बैंकिंग संकट का साया, लेकिन एक्सपर्ट का ये है मानना

अमेरिका और स्विटजरलैंड में बैंकिंग संकट के बाद अब इसका साया जर्मनी पर मंडरा रहा है। दायचे बैंक (Deutsche Bank) के शेयरों में भारी गिरावट ने चिंता बढ़ा दी है। मामला इतना बढ़ा कि जर्मनी के चांसलर को स्थिति को संभालने के लिए आगे आना पड़ा। वहीं मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसे समय में कुछ कहा नहीं जा सकता है लेकिन उनका यह भी कहना है कि घबराने की कोई बात नहीं है

अपडेटेड Mar 27, 2023 पर 10:29 AM
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Deutsche Bank Share: बैंकिंग संकट तेजी से बढ़ता जा रहा है। तीन अमेरिकी और एक स्विस बैंक के बाद अब जर्मनी के दायचे बैंक एजी (Deutsche Bank AG) पर इसका खतरा मंडरा रहा है। इसके शेयर औंधे मुंह गिर चुके हैं। शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन यह फिसला था। इसने वैश्विक वित्तीय सिस्टम पर दबाव बढ़ा दिया है। दायचे बैंक के शेयरों में यह गिरावट इसके क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप यानी डेट के डिफॉल्ट को कवर करने की लागत में एकाएक तेज उछाल के चलते आई है। इस लागत में उछाल की एक वजह ये भी है कि हेज फंड्स दुनिया भर में वित्तीय इंडस्ट्रीज को लगे झटके से मुनाफा कमाने की कोशिश में है। इस वजह से जर्मन बैंक Deutsche Bank AG के शेयर इंट्रा-डे में 15 फीसदी तक टूट गए। हालांकि दिन के आखिरी में 8.5 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ।

क्या है पूरा मामला और हेज फंड्स की क्या रही भूमिका

शुक्रवार को दायचे बैंक के शेयरों में गिरावट का कोई ट्रिगर पॉइंट नहीं था। हालांकि हेज फंड्स ने झटके खा रही वैश्विक वित्तीय व्यवस्था से कमाई की सोची। वैश्विक वित्तीय व्यवस्था को अमेरिका के तीन बैंकों और क्रेडिट स्विस ग्रुप (Credit Suisse Group) के डूबने के चलते तगड़ा झटका लगा है। ऐसे में उन्होंने स्टॉक और क्रेडिट-डिफॉल्ट स्वैप मार्केट्स में बैंक के खिलाफ दांव लगाया है यानी कि बैंक के शेयर टूटेंगे तो उन्हें मुनाफा होगा।


जर्मनी के चांसलर को आने पड़ा आगे

दायचे बैंक के शेयरों की बिकवाली ने जर्मनी के चांसलर ओलफ श्वॉल्ज (Olaf Scholz) को इसके समर्थन के लिए सार्वजनिक तौर पर सामने आना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह काफी मुनाफे वाला बैंक है और यूरोप में बैंकिंग सेक्टर काफी मजबूत और स्थायी है। बता दें कि दायचे बैंक ने कुछ साल पहले कई गलत कदमों, जो इसे काफी महंगा पड़ा था, उसके बाद इसने अपने बैलेंस शीट को मजबूत करने पर फोकस किया और अब जर्मन चांसलर के मुताबिक यह दमदार स्थिति में है।

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मार्केट एक्सपर्ट्स का क्या कहना है

जर्मनी के बैंकिंग रेगुलेटर बाफिन के प्रमुख ने बुधवार को कहा था कि यूरोप के बैंकिंग मार्केट को मौजूदा उथल-पुथल सो कोई सीधा रिस्क तो नहीं है लेकिन सेंटिमेंट से जुड़ा रिस्क जरूर है। स्विस बैंक फ्लोबैंक एसए में सीनियर मार्केट स्ट्रैटजिस्ट पॉल डी ला बोमे (Paul de la Baume) का कहना है कि मार्केट में पहले बेचो और फिर सवाल पूछो का स्पष्ट मामला है। सिटी ग्रुप के एनालिस्ट्स के मुताबिक यह बिना लॉजिक के उतार-चढ़ाव का उदाहरण है। सिटी ग्रुप के नोट के मुताबिक सबसे बड़ा रिस्क तो ये है कि मीडिया हेडलाइन्स से इसके डिपॉजिटर्स पर मनोवैज्ञानिक तौर पर निगेटिव असर पड़े, चाहे वह बात सही हो या गलत।

अगला Credit Suisse नहीं है Deutsche Bank, ये भी है भरोसा

जर्मनी के चांसलर दायचे बैंक पर भरोसा दिखा रहे है। वहीं ऑटोनामस रिसर्च के एनालिस्ट स्टुअर्ट ग्राहम के मुताबिक दायचे बैंक के अमेरिकी कॉमर्शियल रियल एस्टेट में एक्सपोजर और इसके डेरिवेटिव्स बुक के बड़े होने के चलते निवेशकों की चिंता बढ़ी है। हालांकि स्टुअर्ट का यह भी कहना है कि दोनों ही चीजें पूरी तरह सार्वजनिक है यानी कि कुछ छिपा नहीं है और घबराने की कोई बात नहीं दिख रही है। ऐसे में उनका मानना है कि दायचे बैंक अगला क्रेडिट स्विस नहीं बनने जा रहा है। बता दें कि क्रेडिट स्विस की स्थिति इतनी डांवाडोल हो चुकी है कि इसे यूबीएस में विलय करने का फैसला लेना पड़ा।

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