IIP Growth: देश की औद्योगिक विकास दर मई 2025 में 1.2% पर सिमट गई। यह आंकड़ा पिछले आठ महीनों का सबसे निचला स्तर है। इससे पिछले महीने यानी अप्रैल में औद्योगिक विकास दर 2.6% थी। 30 जून को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से कोर सेक्टर और बिजली उत्पादन में कमजोरी के कारण दर्ज की गई है।
कोर सेक्टर की ग्रोथ भी घटी
बुनियादी ढांचे से जुड़े आठ प्रमुख उद्योगों यानी कोर सेक्टर की ग्रोथ मई में सिर्फ 0.7% रही। यह नौ महीने का न्यूनतम स्तर है। अप्रैल में यह दर 1% थी। यह गिरावट इस बात का संकेत है कि सीमेंट, स्टील और बिजली जैसे मूलभूत क्षेत्रों में मांग या उत्पादन में ठहराव देखा जा रहा है।
कोर सेक्टर में भारत की आठ प्रमुख आधारभूत उद्योग शामिल हैं, जो IIP (औद्योगिक उत्पादन सूचकांक) का लगभग 40% हिस्सा बनाते हैं। इनमें बिजली, इस्पात, रिफाइन्ड पेट्रोलियम उत्पाद, क्रूड ऑयल, कोयला, सीमेंट, प्राकृतिक गैस और फर्टिलाइजर जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इन सेक्टर्स की ग्रोथ देश की औद्योगिक और आर्थिक स्थिति का अहम संकेतक मानी जाती है।
पावर सेक्टर में 5.8% की गिरावट
बिजली क्षेत्र में प्रदर्शन सबसे कमजोर रहा, जहां उत्पादन 5.8% घट गया। यह पिछले पांच वर्षों में बिजली उत्पादन में आई सबसे तेज गिरावट है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, देश के अलग-अलग हिस्सों में अधिक बारिश और ठंडे मौसम ने बिजली की मांग पर असर डाला है।
जीडीपी ग्रोथ पर पड़ेगा असर
आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत की जीडीपी ग्रोथ दर पिछली तिमाही के 7.4% के मुकाबले धीमी होकर नीचे आ सकती है। कमजोर औद्योगिक गतिविधि और कोर सेक्टर में सुस्ती इसका मुख्य कारण हो सकते हैं।