अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर ने भारत के साथ चल रही ट्रेड डील के बारे में बड़ी बात कही है। उन्होंने अमेरिकी सांसदों से कहा है कि भारत ने अमेरिका को एक बेस्ट ऑफर दिया है। अभी अमेरिकी कृषि उत्पादों को लिए भारतीय बाजार खोलने पर दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत चल रही है। ग्रीर ने 9 दिसंबर को वाशिंगटन डीसी में सीनेट की एक सब-कमेटी को यह बताया।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत आया है
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि Jamieson Greer ने सीनेट की सब-कमेटी को बताया कि अभी एक अमेरिकी ट्रेड टीम भारत में है। उसकी भारतीय व्यापार प्रतिनिधियों के साथ संवेदनशील कृषि बाधाओं का समाधान निकालने के लिए बातचीत चल रही है। गौरतलब है कि अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधियों का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत आया है। इसकी अगुवाई डिप्टी यूएस ट्रेड रिप्रजेंटेटिव एम्बेसडर रिक स्विट्जर कर रहे है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ज्वाइंट सेक्रेटरी दर्पण जैन कर रहे हैं।
भारत ने दिया है अमेरिका को बेस्ट प्रस्ताव
ग्रीर ने बताया कि कुछ खास फसलों के मामले में भारत में विरोध दिख रहा है। लेकिन, भारत की तरफ से जो नया प्रस्ताव आया है, उससे आगे बढ़ने का रास्ता बना है। उन्होंने बातचीत को लेकर भारत के पॉजिटिव रुख की तारीख की। उन्होंने कहा कि भारत ने ऐसा प्रस्ताव दिया है, जो अमेरिका को मिला अब तक का बेस्ट प्रस्ताव है। ग्रीर ने कहा कि भारत अब अमेरिकी कमोडिटीज के लिए एक अच्छा वैकल्पिक मार्केट है। खासकर ऐसे वक्त जब अमेरिकी में उत्पादक बढ़ती इनवेंट्री का सामना कर रहे हैं और चीन से डिमांड में उतार-चढ़ाव है।
बातचीत ट्रेड पॉलिसी में आए बदलाव का हिस्सा
सीनेट की सब-कमेटी के अध्यक्ष जेरी मोरान ने ग्रीर को चीन पर निभर्रता घटाने और नए विदेशी खरीदारों की तलाश करने को कहा। मोरान ने यह भी कहा है कि भारत को अपनी बात मनवाना आसान नहीं है। इसके जवाब में ग्रीर ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत पिछली अमेरिकी सरकार के मुकाबले तेज गति से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ अमेरिका की बातचीत उसकी ट्रेड पॉलिसी में आए बड़े बदलाव का हिस्सा है।
अमेरिका व्यापार असंतुलन खत्म करना चाहता है
अमेरिका विदेशी व्यापार में दूसरे देशों के साथ असंतुलन खत्म करना चाहता है। वह दूसरे देशों के साथ व्यापार में रेसिप्रोकल मानदंड अपनाना चाहता है। इसका मतलब यह है कि जो देश अमेरिकी गुड्स पर जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी उस देश के गुड्स पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। उन्होंने दक्षिणपूर्व एशिया और यूरोप से हुए समझौतों का उदाहरण देते हुए कहा कि इससे भारत जैसे पार्टनर के साथ बाततीच में अमेरिका की स्थिति मजबूत हुई है।