Indian seafood exports: चीन-जापान सीफूड विवाद भारत के लिए बड़ा मौका! किन कंपनियों को होगा फायदा?

Indian seafood exports: चीन के जापानी सीफूड पर संभावित प्रतिबंध से अचानक भारतीय कंपनियों के लिए बड़ा मौका बन गया है। क्या यह मौका भारत को अमेरिकी बाजार पर भारी निर्भरता से छुटकारा दिला सकता है? कौन-सी कंपनियां सबसे ज्यादा फायदा उठा सकती हैं, जानिए।

अपडेटेड Nov 19, 2025 पर 10:38 PM
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पिछले साल भारत का ग्लोबल सीफूड एक्सपोर्ट 7.4 अरब डॉलर का था, जिनमें से 40% हिस्सा श्रिम्प का था।

Indian seafood exports: भारतीय सीफूड निर्यातकों के शेयरों में बुधवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिली। कुछ स्टॉक्स 11% तक उछल गए। वजह थी एक मीडिया रिपोर्ट, जिसमें दावा किया गया कि चीन ने जापान को उसके सीफूड आयात को निलंबित करने की योजना की सूचना दी है। अगर ऐसा होता है, तो मांग भारत जैसे वैकल्पिक सप्लायर्स की ओर शिफ्ट हो सकती है।

जापानी निर्यातकों को बड़ा झटका?

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, चीन ने कुछ महीने पहले ही जापानी सीफूड पर लगी पाबंदियों में आंशिक ढील दी थी। लेकिन अगर वह दोबारा प्रतिबंध लागू करता है, तो इसका भारी असर उन जापानी कंपनियों पर पड़ेगा। जापानी कंपनियां चीनी बाजार में वापसी की उम्मीद कर रही थीं, जहां कभी जापान के कुल सीफूड एक्सपोर्ट का 20% से ज्यादा हिस्सा जाता था।


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अमेरिकी टैरिफ के बीच राहत का मौका

भारत के लिए यह स्थिति अच्छा मौका बन सकती है। भारतीय सीफूड के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है। लेकिन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने कुछ महीने पहले भारत से आने वाले सामानों पर 50% तक के भारी टैरिफ लगा दिए हैं।

अमेरिका वॉलमार्ट और क्रोगर जैसे रिटेल दिग्गजों के जरिए भारतीय सीफूड का बड़ा खरीदार है। ऐसे में चीनी मांग बढ़ी, तो यह भारतीय कंपनियों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है।

सीफूड शेयरों में जोरदार रैली

पिछले साल भारत का ग्लोबल सीफूड एक्सपोर्ट 7.4 अरब डॉलर का था, जिनमें से 40% हिस्सा श्रिम्प का था। ऐसे में चीन-जापान वाली खबर के बाद बुधवार को अवन्ती फीड्स के शेयर लगभग 10% उछल गए। यह इसका दो महीने से ज्यादा का सबसे बड़ा इंट्राडे गेन है। कोस्टल कॉर्पोरेशन भी 5% चढ़ा। Apex Frozen Foods के शेयरों में भी तेजी आई, लेकिन यह मुनाफावसूली के दबाव में फिसल गया।

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जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट विंसेंट के एंड्रूज के मुताबिक, टैरिफ के दबाव के चलते कंपनियां नए बाजार तलाश रही हैं। इस तरह का कोई भी नया अवसर सेक्टर के लिए सकारात्मक रहता है। भारतीयों कंपनियों ने पहले ही संकेत दिया था कि वो अमेरिका पर निर्भरता कम करते हुए चीन और अन्य बाजारों में निर्यात बढ़ाने की दिशा में काम कर रही हैं।

अमेरिकी टैरिफ से अक्टूबर में 9% गिरावट

अगस्त के आखिर में ट्रंप प्रशासन ने भारतीय सीफूड शिपमेंट पर 50% तक टैरिफ लगा दिए थे। इसके कारण अक्टूबर में अमेरिका को होने वाले भारतीय निर्यात में सालाना आधार पर लगभग 9% की गिरावट दर्ज की गई। ये आंकड़े वाणिज्य मंत्रालय के हैं।

सरकार का ₹450 अरब का पैकेज

पिछले सप्ताह भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 450.6 अरब रुपये के सपोर्ट पैकेज को मंजूरी दी। इसका लक्ष्य श्रम-प्रधान क्षेत्रों को राहत देना है। जैसे कि टेक्सटाइल, ज्वेलरी और सीफूड (खासतौर पर श्रिम्प)। इसका मकसद निर्यात दबाव के बावजूद कंपनियों को टिकने और नए बाजारों में विस्तार करने में मदद करना है।

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