इंडिगो अब कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) के रडार पर भी आ गई है। सीसीआई आंतरिक रूप से यह जांच कर रही है कि क्या इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोबल एविएशन ने कॉम्पिटिशन एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी।
इंडिगो के एग्जिक्यूटिव्स रेगुलेटर से मिल सकते हैं
अधिकारी ने कहा कि आने वाले दिनों में सीसीआई Indigo के एग्जिक्यूटिव्स के साथ इस मामले पर चर्चा कर सकता है। उन्होंने कहा, "नोटिस भेजने के लिए इस बात का सबूत होना जरूरी है कि इंडिगो ने अपने मजबूत स्थिति का फायदा उठाया, जिससे क्राइसिस पैदा हुई। अभी हम सिर्फ इस मामले को देख रहे हैं।"
इंडिया की बाजार हिस्सेदारी 65 फीसदी से ज्यादा
भारत के एविएशन सेक्टर में इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी 65 फीसदी से ज्यादा है। कंपनी ने पिछले हफ्ते 2000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल किए थे। कंपनी सेफ्टी के सख्त नियमों का पालन करने में नाकाम रही, जिससे उसे बड़ी संख्या में फ्लाइट्स कैंसिल करने को मजबूर होना पड़ा। फ्लाइट्स कैंसिल होने से देशभर में एयरपोर्ट्स पर हजारों पैंसेजर्स फंस गए। इससे दूसरी एयरलाइंस कंपनियों के फ्लाइट्स् के टिकट के प्राइस भी आसमान में पहुंच गए। इंडिगो ने 5 दिसंबर को सबसे ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल किए। उसके बाद से स्थितियां सामान्य हो रही हैं।
कॉम्पिटिशन एक्ट के प्रावधान के उल्लंघन की जांच
कॉम्पिटिशन एक्ट का सेक्शन 4 'मजबूत स्थिति का फायदा' उठाने से जुड़ा है। सेक्शन 4(2) में उन प्रैक्टिसेज का उल्लेख है, जिन्हें मजबूत स्थिति का दुरूपयोग माना जाता है। इन्हें मुख्य रूप से दो कैटेगरी में बांटा गया है। पहली कैटेगरी के तहत मजबूत स्थिति के दुरूपयोग से कंज्यूमर्स को नुकसान आता है। दूसरी कैटेगरी में मजबूत स्थिति के दुरूपयोग से प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को नुकसान आता है। भेदभावपूर्ण शर्तें या अनुचित कीमतें वसूलना मजबूत स्थिति का दुरूपयोग है।
CCI ने मामले का लिया है स्वत: संज्ञान
CCI ने इंडिगो के मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। अगर शुरुआती जांच में कॉम्पिटिशन के किसी नियम का उल्लंघन पाया जाता है तो रेगुलेटर इंडिगो पर पेनाल्टी लगा सकता है। हालांकि, अभी इंडिगो के खिलाफ किसी तरह की औपचारिक शिकायत रेगुलेटर को नहीं मिली है। DGCA के मुताबिक, क्राइसिस की वजह नए नियमों के हिसाब से स्टाफ की संख्या बढ़ाने में इंडिगो की नाकामी थी। एफडीटीएल के नए नियम लागू होने के बाद इंडिगो को स्टाफ की संख्या बढ़ाने की जरूरत थी।