कनिका टेकरीवाल देश की सबसे कम उम्र की अमीर महिला हैं। महज 33 साल की उम्र में वह 420 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालिक बन गई है। सबसे खास बात यह है कि उन्हें यह सबकुछ विरासत में नहीं मिला है, बल्कि उन्होंने अपने दम और मेहनत से इसे हासिल किया है। हाल ही में कोटक प्राइवेट बैंकिंग हुरुन लीडिंग वेल्थ वुमन लिस्ट 2021 में उन्हें शामिल किया गया है, जिसके बाद से वह सुर्खियों में है।
कनिका 'जेटसेटगो' की फाउंडर और सीईओ हैं, जो एक चार्टेड प्लेन एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म है। कनिका उन युवा आंत्रप्रेन्योर्स के लिए एक प्रेरणा हैं, जो अपने करियर की जल्द शुरुआत करना चाहते हैं। साथ ही उनकी सफलता बताती है कि कम उम्र में शुरुआत करने पर आप कितने आगे तक जा सकते हैं।
कोटक प्राइवेट बैंकिंग हुरुन लिस्ट ने बुधवार को कहा, " जेटसेटगो की कनिका टेकरीवाल (33) इस लिस्ट में शामिल होने वाली सबसे कम उम्र की और भारत की सबसे धनी महिला हैं। कनिका टेकरीवाल का जन्म भोपाल के एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था और वह जवाहरलाल नेहरू स्कूल की छात्रा हैं। यह स्कूल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) के परिसर में है।
JetSetGo को शुरू करने के लिए कनिका टेकरीवाल का काफी मुश्किलों भरा रहा। उनका जन्म पारम्परिक मारवाड़ी फैमिली में हुआ था, जहां महिलाओं को काम के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता था। उन्हें भारत में चार्टेड प्लेन और हेलीकॉप्टर्स का पहला प्लेफॉर्म शुरू करने के लिए अपने परिवार के रुढ़िवादों विचारों के अलावा कैंसर से भी लड़ाई लड़नी पड़ी।
कनिका ने बताया, "मेरे दिमाग में लगभग तीन साल से यह विचार चल रहा था, लेकिन जब मैंने अपना स्केच बोर्ड निकाला और उस पर काम करना शुरू किया, तभी मुझे कैंसर का पता चला, जिसने मुझे एक साल पीछे कर दिया।" उन्होंने कहा, खुशकिस्मती से जब मेरा इलाज पूरा हो गया और तब तक किसी ने भी इस आइडिया पर काम शुरू नहीं किया था।
एमबीए की पढ़ाई करने वाले टेकरीवान ने आखिर 2012 में अपने दोस्त सुधीर पेरला के साथ मिलकर 'जेटसेटगो' की स्थापना की। आज, कंपनी के पास 10 प्राइवेट जेट हैं। टेकरीवाल का स्टार्टअप जेट मालिकों के लिए चार्टर्ड विमानों और हेलीकॉप्टरों का मैनेजमेंट, उड़ान और ऑपरेशंस देखता है।
जेटसेटगो को अक्सर भारतीय आसमान का उबर (Uber) कहकर भी बुलाया जाता है। उनके स्टार्टअप ने चार्टेड प्लेन के साथ जुड़ी समस्याओं की पहचान की और कस्टमर्स के लिए प्रोसेस को आसान बनाने के लिए नई टेक्नोलॉजी पर काम किया।
टेकरीवाल ने बताया कि नए स्टार्टअप को शुरू करते समय हमें उम्मीद थी कि अमीर लोग अपने प्लेन हमारे यहां पर लिस्ट कराएंगे और कस्टमर्स हमारे प्लेटफॉर्म से बुकिंग करेंगे, लेकिन हमारी पहली उड़ान ही शुरू नहीं हुई क्योंकि हमें पायलट नहीं मिल पाए।
उन्होंने कहा, तभी मुझे अहसास हो गया कि बुकिंग प्लेटफॉर्म से आधी समस्या दूर हुई है। धीरे-धीरे हम एयरक्राफ्ट मैनेजमेंट कंपनी बन गए और एक बार हमारी चार्टर डिमांड उपलब्ध सप्लाई से ज्यादा हो गई तो हमने विमान खरीदने का फैसला किया। उसके बाद हमने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।