Crypto News: मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (BitCoin) एक महत्वपूर्ण तकनीकी पहले से लगभग एक साल ही दूर है। इसके बाद नए बिटकॉइन की सप्लाई काफी कम हो जाएगी। इसका असर बिटकॉइन की कीमतों पर भी दिख सकता है। एक बिटकॉइन अभी 30220 डॉलर के करीब में मिल रहा है और इस साल यह 80 फीसदी से अधिक मजबूत हुआ है। बिटकॉइन की कीमतों में यह उछाल सप्लाई से जुड़ा तकनीकी पहलू और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती की संभावना है।
BitCoin की सप्लाई का क्या है तकनीकी पहलू
बिटकॉइन की माइनिंग होती है और इसकी सीमाएं भी हैं। पिछली बार 2020 में इसके माइनिंग की दर आधी हो गई थी और तब से इसकी सप्लाई कम हुई थी। अब अगली बार यह प्रक्रिया यानी हाल्विंग (Halvind) अगले साल अप्रैल या मई 2024 में हो सकती है जिसके बाद नई बिटकॉइन के मार्केट में आने की दर और सुस्त हो जाएगी। हालांकि इसके बारे में ठीक-ठाक नहीं बताया जा सकता है कि यह कब होगा।
बिटकॉइन इस साल 80 फीसदी से भी अधिक ऊपर चढ़ा है। अब इसकी सप्लाई पर असर पड़ेगा तो भाव पर असर दिखेगा। Seasonal Tokens के लीड डेवलपर Ruadhan O के मुताबिक पिछले साल 2022 में बाजार की घबराहट के चलते प्राइस एडजस्टमेंट में देरी हुई और अब बिटकॉइन को अगला बैरियर 32 हजार डॉलर के आस-पास झेलना पड़ सकता है। अब अगर यहां दबाव बनता है तो इसके भाव 32 हजार से 35 हजार डॉलर के बीच ऊपर-नीचे होंगे। अब बाकी क्रिप्टो मार्केट की बात करें तो उनका मानना है कि सभी क्रिप्टोकरेंसीज बिटकॉइन के पीछे-पीछे ही चलेंगी।
वहीं DefiEdge के सीएमओ निश्चल गाबा के मुताबिक बिटकॉइन की तेजी बियर मार्केट की समाप्ति का संकेत तो दे रहा है लेकिन सुस्त ट्रेडिंग वॉल्यूम के चलते यह आशंका भी है कि कहीं बिटकॉइन की मौजूदा तेजी क्षणिक तो नहीं है। वह आने वाले दिनों में इसके भाव में उतार-चढ़ाव पर नजर रखने की सलाह दे रहे हैं।
70 हजार डॉलर पर रेजिस्टेंस
ब्लेक हैरिस लॉ के फाउंडिग प्रिंसिपल ब्लेक हैरिस के मुताबिक बैंकों के फेल होने और अधिक पैसे छापने की सरकारी नीतियों ने बिटकॉइन को और अधिक आकर्षक बना दिया है। इसके चलते बिटकॉइन में आगे भी बुल रन के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि अगर मंदी आती है तो बिटकॉइन पर भी निगेटिव झटका लग सकता है। हैरिस के मुताबिक बिटकॉइन के लिए अगला रेजिस्टेंस 70 हजार डॉलर के लेवल पर है। ग्लोबल डिजिटल एसेट एंड क्रिप्टोकरेंसी एसोसिएश के सीईओ गैब कुश का मानना है कि बिटकॉइन की तेजी बनी रहेगी और इसके लिए अब 50 हजार डॉलर का लेवल रेजिस्टेंस का काम कर रहा है।
ये तय करेंगे आगे का रास्ता
इंजेक्टिव लैब्स के सीईओ और को-फाउंडर एरिक चेन के मुताबिक बिटकॉइन के भाव में उछाल के चलते खुदरा और इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स, दोनों की इसमें दिलचस्पी बढ़ सकती है और निवेश भी बढ़ेगा। हालांकि उन्होंने क्रिप्टो मार्केट की अनिश्चितता को लेकर आगाह भी किया है। एरिक चेन के मुताबिक आने वाले महीनों और वर्षों में इंस्टीट्यूशनल अडॉप्शन, रेगुलेटरी डेवलपमेंट्स के साथ-साथ क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन के इस्तेमाल के नए तरीके इसका रास्ता तय करेंगे।