Layoff News: छंटनी की मार अभी भी एंप्लॉयीज पर पड़ रही है। चेन्नई की सॉफ्टवेयर-ऐज-अ-सर्विस (SaaS) फर्म किसफ्लो (Kissflow) में भारी पैमाने पर एंप्लॉयीज की छंटनी हुई है। किसफ्लो ने 45-50 एंप्लॉयीज की छंटनी की है जो इसके वर्कफोर्स का करीब 15 फीसदी है। इसकी मार सेल्स, मार्केटिंग और प्रोडक्ट डेवलपमेंट के एंप्लॉयीज से पड़ा है। इन सभी एंप्लॉयीज की छुट्टी प्रोडक्ट के बंद होने और एनुअल परफॉरमेंस रिव्यूज के बाद की गई है। कंपनी के फाउंडर और सीईओ सुरेश संबंडम ने मनीकंट्रोल से बातचीत में इस छंटनी की पुष्टि कर दी। इस छंटनी के पहले कंपनी के 400 से अधिक एंप्लॉयीज पेरोल पर थे। जो छंटनी हुई है, उसका असर भारत, अमेरिका और यूएई के एंप्लॉयीज पर पड़ा है लेकिन अमेरिका और यूएई में 5 से कम एंप्लॉयीज को निकाला गया है।
Kissflow के सीईओ ने खुलासा, क्यों हुई छंटनी
सुरेश ने मनीकंट्रोल से बातचीत में बताया कि कंपनी अब लैंड-मोशन प्रोक्यूरमेंट से एक्सपैंड मोशन की तरफ शिफ्ट हो रही है ताकि प्रोडक्ट्स के लिए अधिक से अधिक ग्राहकों को आकर्षित किया जा सके। इसके चलते करीब 20-25 एंप्लॉयीज की छंटनी हुई है। वहीं कंपनी हर दो से तीन साल में अपने एंप्लॉयीज का सालाना परफॉरमेंस रिव्यू करती है और इसके चलते करीब 20 एंप्लॉयीज की छंटनी की गई है। कंपनी में छंटनी की यह तलवार 5 सीनियर एग्जेक्यूटिव्स को 1 करोड़ रुपये मूल्य की 5 नई सीरीज बीएमडब्ल्यू कार गिफ्ट करने के करीब दो साल बाद चली है। इन्हें कंपनी के साथ लंबे समय तक के जुड़ाव के लिए यह गिफ्ट दिया गया था।
कंपनी के सीईओ का कहना है कि हर कंपनी ऑप्टिमाइज होने की कोशिश करती है। जो एंप्लॉयीज निकाले गए हैं, उसमें से 90 फीसदी को पहले ही काम मिल चुका है और बाकी 10 फीसदी को भी जल्द ही किसी कंपनी में काम मिल जाएगा। छंटनी होने वाले एंप्लॉयीज को कंपनी की तरफ से सेवरेंस यानी मुआवजा मिलता है।
12 साल पुरानी कंपनी है किसफ्लो
किसफ्लो वर्ष 2012 में बनी थी। यह क्लाउड-बेस्ड नो-कोड और लो-कोड वर्क मैनेजमेंट प्रोडक्ट्स ऑफर करती है। इसकी वेबसाइट पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक इसके प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल 160 देशों के 10 हजार से अधिक ग्राहक करते हैं। इसका मुख्यालय चेन्नई में है। इसके अलावा कंपनी के ऑफिसेज अमेरिका और दुबई में भी हैं।