भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में विभिन्न नियमों के उल्लंघन को लेकर पेटीएम (Paytm), इडलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज (Edelweiss Financial Services) और आईआईएफएल फाइनेंस (IIFL Finance) पर कार्रवाई की थी। अब खबर आ रही है कि इस कार्रवाई से कुछ हफ्ते पहले तीन निवेशकों ने इन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी का एक बड़ा हिस्सा बेच दिया था। लाइवमिंट ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। RBI ने दिसंबर 2023 से लेकर मई 2024 के बीच, केवाआईसी नियमों और गवर्नेंस से जुड़े मुद्दों सहित कई नियामकीय उल्लंघनों के चलते इन तीनों कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की थी और इनके कारोबार पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए थे।
रिपोर्ट में एक्सचेंज डेटा का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस कार्रवाई से ठीक पहले मोहनीश पबराई, प्रेम वत्स और सॉफ्टबैंक ने क्रमशः इडलवाइज, IIFL फाइनेंस और पेटीएम में अहम हिस्सेदारी बेची थी। मनीकंट्रोल स्वतंत्र रूप से इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं कर सका।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों घटनाओं के बीच कोई स्पष्ट संबंध नहीं है। हालांकि एक प्रॉक्सी सलाहकार ने बिक्री को "अजीब" बताया। वहीं दूसरे ने कहा कि बाजार नियामक को इन निवेशकों के शेयर बेचने के पीछे का कारण पता लगाना चाहिए।
इडलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज
दिग्गज निवेशक मोहनीश पबराई ने 8 फरवरी से 3 अप्रैल के बीच इडलवाइज में अपनी 3.83 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची। RBI ने सुपरवाइजरी चिंताओं का हवाला देते हुए इसकी दो फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसके बाद 30 मई को इसके शेयर 16 प्रतिशत गिर गए थे। पबराई के पास कंपनी में 7.08 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। पबारी के प्रवक्ता ने कहा, "हमें RBI की कार्रवाई के बारे में तब तक पता नहीं था, जब तक कि हमने इसे मीडिया में नहीं पढ़ा और हमारे पास इस पर कोई और टिप्पणी नहीं है।"
FIH मॉरीशस ने दिसंबर में कंपनी की 5.66 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी। यह प्रेम वत्स के स्वामित्व वाली फेयरफैक्स इंडिया होल्डिंग्स की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। RBI ने 4 मार्च को सुपरवाइजरी चिंताओं का हवाला देते हुए इसे तत्काल प्रभाव से गोल्ड लोन बिजनेस बंद करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद 5 मार्च को इसके शेयर 20 प्रतिशत गिरकर निचले सर्किट पर पहुंच गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी में 15.12 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले वत्स ने इस खबर पर कोई टिप्पणी नहीं की।
पेटीएम के तीसरे सबसे बड़े निवेशक सॉफ्टबैंक ने 19 दिसंबर से 20 जनवरी के बीच कंपनी में अपनी 2 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची। फिर इसने 23 जनवरी से 26 फरवरी के बीच 2.7 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची। 31 जनवरी को, RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर कई तरह के कारोबारी प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि सॉफ्टबैंक ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि इस फैसले के बारे में जानने वाले एक एग्जिक्यूटिव सॉफ्टबैंक पहले से ही पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी घटाने की योजना पर काम कर रही थी और इसका RBI कार्रवाई से कोई रिश्ता नहीं है।