Lupin ने रिस्ट्रक्चरिंग का प्लान बनाया है। इसके तहत वह अपने API (active pharmaceutical ingredients) बिजनेस को डीमर्ज (अलग) करेगी। कंपनी का यह बिजनेस ग्रोथ दिखा रहा है। मामले से जुड़े सूत्रों ने मनीकंट्रोल को इस बारे में बताया। पिछले हफ्ते ल्यूपिन के शेयरों में तेजी दिखी थी। इसकी वजह अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर US FDA से मिला एप्रूवल था। एफडीए ने ल्यूपिन की रिस्पायरेटरी ड्रग gSpiriva को मंजूरी दी है। एक सूत्र ने बताया कि ल्यूपिन वैल्यू अनलॉक करने के लिए अपने एपीआई बिजनेस को अलग करना चाहती है। अभी यह पता नहीं है कि वह एपीआई बिजनेस की लिस्टिंग कराएगी या इसमें हिस्सेदारी बेचेगी। एक दूसरे सूत्र ने भी कंपनी के रिस्ट्रक्चरिंग प्लान की पुष्टि की।
दूसरे सूत्र ने कहा कि डीमर्जर के ऑप्शन पर बातचीत चल रही है। यह बातचीत अंतिम चरण में है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि यह बातचीत सफल रहेगी या नहीं। इस बारे में जानकारी देने वाले दोनों सूत्रों ने अपने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर ये बातें बताईं।
इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल के जवाब में Lupin के प्रवक्ता ने कहा, "हम लगातार अपने शेयरहोल्डर्स के लिए वैल्यू क्रिएट करने के लिए स्ट्रेटेजिक ऑप्शंस पर विचार करते रहते हैं। हालांकि, हम मार्केट में चल रहे अटकलों के बारे में टिप्पणी नहीं करते। हम अपने कोर बिजनेस एरिया पर फोकस करने की अपनी रणनीति को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हमारा मकसद ग्रोथ और एक्सपैंशन के लिए मौके तलाश करना है।"
ग्लेनमार्क फार्मा ने भी ऐसा किया था
Lupin की प्रतिद्वंद्वी कंपनी Glenmark Pharma ने मई 2019 में ऐसा ही कदम उठाया था। उसने अपने API बिजनेस को अलग कर एक कंपनी बनाई थी। इसका नाम Glenmark Life Sciences है। यह कंपनी अगस्त 2021 में स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुई थी। फिलहाल ग्लेनमार्क फार्मा अपनी सब्सिडियरी ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज में कुछ हिस्सेदारी बेचना चाहती है। वह अपने कर्ज को कम करने के लिए हिस्सेदारी बेचना चाहती है। मनीकंट्रोल ने 23 मई को सबसे पहले बताया था कि Blackstone, KKR, BPEA EQT, PAG और निरमा ग्रुप ने Glenmark Lifesciences में 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।
API बिजनेस ने दिखाया अच्छी ग्रोथ
Lupin की सीईओ विनीता गुप्ता ने मार्च तिमाही के नतीजों के एलान के वक्त अर्निंग कॉन्फ्रेंस कॉल में कंपनी के एपीआई बिजनेस में मजबूती आने के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था, "अमेरिकी बिजनेस की ग्रोथ डबल डिजिट रहने के साथ ही मार्च तिमाही में हमारे बिजनेस में रिकवरी आई है, जिसमें हमारे कोर प्रोडक्ट्स की अच्छी मांग का हाथ है।" ल्यूपिन के ईडी और ग्लोबल सीएफओ रमेश स्वामीनाथन के कहा था, "तिमाही दर तिमाही आधार पर एपीआई बिजनेस की सेल्स की ग्रोथ 14.6 फीसदी रही है।"