कल्पेश मेहता: भारत में ट्रंप ब्रांड को लेकर आने वाली शख्सियत, काफी पहले भांप लिया था देश में लग्जरी रियल एस्टेट का स्कोप
जब ट्रिबेका भारत में पहले ट्रंप-ब्रांडेड प्रोजेक्ट लाई, तो रियल एस्टेट साइकिल में गिरावट आ रही थी, लग्जरी बिक्री सुस्त थी और कई लोगों का मानना था कि अल्ट्रा-प्रीमियम डेवलपमेंट्स के लिए कोई बाजार नहीं है। लेकिन मेहता का मानना इससे अलग था। उन्होंने अपना भरोसा बनाए रखा
भारत में ट्रंप ब्रांड को लेकर आने वाली कंपनी ट्रिबेका डेवलपर्स है।
हाल ही में खबर आई कि रियल एस्टेट कंपनी ट्रिबेका डेवलपर्स ने पुणे में 2,500 करोड़ रुपये के कमर्शियल प्रोजेक्ट ‘ट्रंप वर्ल्ड सेंटर’ के विकास के लिए कुंदन स्पेसेज के साथ साझेदारी की है। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी कंपनी ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन भारतीय कमर्शियल स्पेस में कदम रखने जा रही है। करीब 4.3 एकड़ में बनने वाले इस प्रोजेक्ट के तहत 16 लाख वर्ग फुट क्षेत्र का विकास होगा। इससे 2,500 करोड़ रुपये का सेल्स रेवेन्यू जनरेट होने का अनुमान है। ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन भारत में रेजिडेंशियल सेक्टर में पहले से है। देश में मुंबई और पुणे में दो ट्रंप ब्रांडेड रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट कंप्लीट हो चुके हैं, कोलकाता और गुरुग्राम में 2 रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट अंडर कंस्ट्रक्शन हैं और पुणे में नए ट्रंप वर्ल्ड सेंटर प्रोजेक्ट की घोषणा हुई है।
भारत में ट्रंप ब्रांड को लेकर आने वाली कंपनी ट्रिबेका डेवलपर्स है। इसके को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर कल्पेश मेहता की भारत के रियल एस्टेट मार्केट को लेकर अप्रोच एक बार फिर चर्चा में है। ऐसे बाजार में जहां ज्यादातर डेवलपर्स स्केल और वॉल्यूम का पीछा करते हैं, कल्पेश मेहता ने एक अलग रास्ता अपनाया। एक दशक से भी अधिक समय पहले, जब लग्जरी रियल एस्टेट भारत में पैर जमाने के लिए संघर्ष कर रहा था, तब उन्होंने हाई-एंड, ब्रांडेड आवासों पर दांव लगाया। मेहता ने प्रीमियम प्रोजेक्ट्स और ब्रांड लाइसेंसिंग पर फोकस्ड बिजनेस बनाया और देश में ट्रंप टॉवर्स की शुरुआत की।
मेहता का मानना है कि यह केवल एक मिथक है कि लग्जरी रियल एस्टेट नहीं बिकता। भारत में हाई क्वालिटी वाले रियल एस्टेट की भारी कमी है। समस्या यह है कि लोग ऊंची-ऊंची इमारतें बनाकर उन्हें लग्जरी कह रहे हैं, जबकि यह लग्जरी नहीं है।
कैसे हुई ट्रंप से पहचान
आर्किटेक्ट्स के परिवार से ताल्लुक रखने वाले मेहता ने पहले मुंबई के एलएस रहेजा स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर में दाखिला लिया, लेकिन बीच में ही कोर्स छोड़ दिया। उन्होंने अमेरिका में हायर एजुकेशन हासिल करने का फैसला किया। इसके बाद ऑस्टिन में टेक्सास यूनिवर्सिटी से अंडरग्रेजुएट डिग्री हासिल की और फिर व्हार्टन स्कूल को जॉइन किया। यहीं पर उनकी मुलाकात डोनाल्ड ट्रंप जूनियर से हुई, जो बाद में उनके दोस्त और बिजनेस पार्टनर बन गए। ट्रंप जूनियर वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप के सबसे बड़े बेटे हैं।
रियल एस्टेट डेवलपर बनने से पहले मेहता ने कार्लाइल ग्रुप के रियल एस्टेट फंड और फिर 2010 तक लेहमैन ब्रदर्स के साथ एक प्राइवेट इक्विटी निवेशक के रूप में अपने कौशल को निखारा। मेहता के मुताबिक, "एक प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर के रूप में मेरी सीख ने मुझे भारत में लग्जरी रियल एस्टेट में अवसर तलाशने के लिए प्रेरित किया।"
2012 में मेहता ने ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन के साथ एक एक्सक्लूसिव लाइसेंसिंग डील साइन की। इसके बाद जल्द ही जाने-माने डेवलपर्स, उनके साथ प्रोजेक्ट साइन करने के लिए सामने आने लगे। लोढ़ा, पंचशील और M3M ने ट्रंप-ब्रांडेड प्रोजेक्ट्स को भारत में लाने के लिए मेहता के साथ करार किया। मेहता याद करते हुए कहते हैं, 'हम उन शहरों से भी बाजार के रिस्पॉन्स से हैरान थे, जहां लोगों ने कहा था कि ट्रंप ब्रांड के लिए कोई जगह या अवसर नहीं है। अब हम कोलकाता जैसे शहरों में विस्तार कर रहे हैं, जहां लग्जरी रियल एस्टेट को बेचना मुश्किल माना जाता था। सभी ने हमें कोलकाता न जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि बाजार वैसे भी मर चुका है, और हमें लग्जरी रियल एस्टेट के लिए उचित कीमत नहीं मिलेगी। प्रोजेक्ट के लिए हमारे पहले विज्ञापन के साथ, हमने 40 दिनों के अंदर 40 प्रतिशत इनवेंट्री बेच दी, और तीन महीने के अंदर, हमने प्रोजेक्ट का 75 प्रतिशत बेच दिया।"
2017 में डोनाल्ड ट्रंप जब पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति बने तो उनकी ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन ने ट्रंप-ब्रांडेड प्रोजेक्ट के लिए नई डील साइन करने से खुद को रोक दिया। हालांकि, ट्रंप के दूसरे और वर्तमान कार्यकाल के दौरान ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन नई डील साइन करने के लिए स्वतंत्र है, जिससे दुनिया भर के डेवलपर्स नए ट्रंप-ब्रांडेड डेवलपमेंट्स के लिए लाइन में लग गए हैं। ट्रिबेका ने भी भारत भर में ट्रंप-ब्रांडेड रियल एस्टेट के कई नए डेवलपमेंट्स को मार्क किया है, जिसकी शुरुआत पुणे में ट्रंप वर्ल्ड सेंटर कमर्शियल डेवलपमेंट से हुई है। अगले कुछ महीनों में और भी सौदे होने वाले हैं।
रणनीति पर कायम
मेहता का फोकस लग्जरी रियल एस्टेट पर सिर्फ ब्रांड अपील तक सीमित नहीं था, बल्कि रियल एस्टेट साइकिल को समझने पर भी था। उन्होंने अल्ट्रा-लग्जरी स्पेस को कम सप्लाई वाले, रिसेशन रेजिस्टेंट बाजार के रूप में देखा। मेहता का कहना है, "रियल एस्टेट का एक स्टैंडर्ड साइकिल होता है, और यह कई साल पहले से ही अनुमानित होता है। इसे बदलने में काफी समय लगता है। अभी, हम एक अच्छे साइकिल में हैं। आम तौर पर, रियल एस्टेट का बुलबुला तब फूटता है जब कोई डेट बुलबुला फूटता है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण IL&FS है। इस बार, हमें डेट बुलबुला नहीं दिख रहा है। इस रैली में अभी भी दम है, लेकिन साइकिल फिर से दोहराया जाना तय है।"
ट्रिबेका जमीन की खरीद के पीछे भागने के बजाय, "एसेट-लाइट" मॉडल का पालन करती है। यह ब्रांडिंग और एग्जीक्यूशन पर कंट्रोल रखते हुए जमीन के मालिकों के साथ साझेदारी करती है। इस अप्रोच ने कंपनी को बड़ी पूंजी लगाए बिना मुंबई और पुणे में अपने लग्जरी पोर्टफोलियो का विस्तार करने की इजाजत दी है।