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Indiabulls Real Estate और Embassy Group के विलय को मंजूरी, NCLAT ने NCLT का आदेश पलटा

IBREL-Embassy Group Merger: NCLAT की दो सदस्यीय पीठ ने मई 2023 के NCLT के आदेश को खारिज कर दिया। NCLT ने अपने फैसले में कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI), स्टॉक एक्सचेंजों, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) से सभी रेगुलेटरी अप्रुवल और शेयरहोल्डर्स और क्रेडिटर्स की मंजूरी मिलने के बावजूद विलय को रोक दिया गया था

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 12, 2025 पर 2:41 PM
Indiabulls Real Estate और Embassy Group के विलय को मंजूरी, NCLAT ने NCLT का आदेश पलटा
इंडियाबुल्स रियल एस्टेट (IBREL) और एम्बेसी ग्रुप (Embassy Group) के विलय को मंजूरी मिल गई है।

इंडियाबुल्स रियल एस्टेट (IBREL) और एम्बेसी ग्रुप (Embassy Group) के विलय को मंजूरी मिल गई है। इस फैसले के साथ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने दोनों फर्मों को बड़ी राहत दी। इससे पहले, NCLT चंडीगढ़ ने इस मर्जर को रोक दिया था, लेकिन NCLAT ने NCLT के आदेश को पलटते हुए विलय के पक्ष में फैसला सुनाया है। बता दें कि IBREL और एम्बेसी ग्रुप के बीच यह विलय प्रक्रिया लंबे समय से लंबित थी।

NCLAT ने अपने आदेश में क्या कहा?

पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि NCLAT की दो सदस्यीय पीठ ने मई 2023 के NCLT के आदेश को खारिज कर दिया। NCLT ने अपने फैसले में कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI), स्टॉक एक्सचेंजों, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) से सभी रेगुलेटरी अप्रुवल और शेयरहोल्डर्स और क्रेडिटर्स की मंजूरी मिलने के बावजूद विलय को रोक दिया गया था। पीठ ने कहा, "हम NCLT, चंडीगढ़ के विवादित आदेश को खारिज करते हैं और अपीलकर्ताओं- इंडियाबुल्स रियल एस्टेट, एम्बेसी वन और NAM एस्टेट्स के बीच विलय की योजना को मंजूरी देते हैं।"

आयकर विभाग द्वारा उठाई गई आपत्तियों के कारण इस विलय में 18 महीने से अधिक की देरी हुई थी। IT डिपार्टमेंट ने स्कीम के तहत वैल्यूएशन और शेयर स्वैप रेश्यो पर सवाल उठाए थे। हालांकि, NCLAT ने फैसला सुनाया कि NCLT ने व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली विधि डिस्काउंटेड कैश फ्लो के जरिए एक्सपर्ट्स द्वारा किए गए वैल्यूएशन में हस्तक्षेप करके गलती की।

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