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आरबीएल बैंक और एमिरेट्स एनबीडी की डील से इंडियन बैंकिंग सेक्टर में नए युग की शुरुआत हो सकती है

इंडिया में बैंकिंग सेक्टर में पहले भी कई ट्रांजेक्शंस देखने को मिले हैं। ऐसा एक मामला 2020 में हुआ था, जिसमें सिंगापुर के DBS ने लक्ष्मी विलास बैंक का अधिग्रहण किया था। ऐसा RBI के निर्देश पर हुआ था। लेकिन, इन डील का मकसद क्राइसिस को टालना था

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 22, 2025 पर 10:13 PM
आरबीएल बैंक और एमिरेट्स एनबीडी की डील से इंडियन बैंकिंग सेक्टर में नए युग की शुरुआत हो सकती है
आरबीएल बैंक के 1.5 करोड़ कस्टमर्स हैं और 500 से ज्यादा ब्रांचेज हैं।

एमिरेट्स एनबीडी का आरबीएल बैंक में 60 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का प्लान है। इसके लिए दुबई का यह बैंक 3 अरब डॉलर का निवेश करेगा। इस डील को इंडिया के फाइनेंशियल सेक्टर में विदेशी पूंजी की एंट्री के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। इससे पहले हुए निवेश के मामले ज्यादातर स्ट्रक्चर्ड थे, जिनका असल मकसद किसी बैंक को बचाना था। इस डील का मकसद ग्रोथ है।

पहले बैंकिंग सेक्टर में हुए बड़े ट्रांजेक्शन के मकसद अलग थे

इंडिया में बैंकिंग सेक्टर में पहले भी कई ट्रांजेक्शंस देखने को मिले हैं। ऐसा एक मामला 2020 में हुआ था, जिसमें सिंगापुर के DBS ने लक्ष्मी विलास बैंक का अधिग्रहण किया था। ऐसा RBI के निर्देश पर हुआ था। लेकिन, इस डील का मकसद क्राइसिस को टालना था। इसी तरह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले कंसोर्शियम ने यस बैंक को डूबने से बचाने के लिए 1.6 अरब डॉलर लगाया था। यह रीस्ट्रक्चरिंग प्लान भी आरबीआई के निर्देश पर हुआ था। ये डील स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप की जगह किसी बड़े संकट को टालने के लिए की गई थी।

एमिरेट्स एनबीडी की नजरें इंडियन बैंकिंग सेक्टर की ग्रोथ पर

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