सरकार ने हेलीकॉप्टर सेवा मुहैया कराने वाली पवन हंस लिमिटेड (PHL) में अपनी 51 फीसदी की पूरी हिस्सेदारी 211.14 करोड़ रुपये में स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड (Star9 Mobility Private Ltd) को बेचने की मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में इस फैसले की जानकारी दी।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, एक उच्च स्तरीय कैबिनेट कमेटी ने पवन हंस (Pawan Hans) में सरकार की पूरी 51 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए मेसर्स स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड की उच्चतम बोली को मंजूरी दे दी है। इस कमेटी के सदस्यों में सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं।
बयान में कहा गया कि अब Pawan Hans का नियंत्रण भी स्टार9 मोबिलिटी के ही पास चला जाएगा। स्टार9 मोबिलिटी एक समूह है जिसमें बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड, महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और अल्मास ग्लोबल ऑपरच्युनिटी फंड एसपीसी शामिल हैं।
Pawan Hans की 51 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए सरकार ने 199.92 करोड़ रुपये का बेस प्राइस तय किया गया था। बयान में बताया गया कि पवन हंस की बिक्री के लिए सरकार को तीन कंपनियों से बोलियां मिली थीं। इनमें से स्टार9 मोबिलिटी 211.14 करोड़ रुपये की बोली के साथ सबसे बड़ी बोलीकर्ता के रूप में सामने आई। बाकी दो बोलियां 181.05 करोड़ रुपये एवं 153.15 करोड़ रुपये की थी।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, उचित विचार-विमर्श के बाद, स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड की वित्तीय बोली को सरकार ने स्वीकार कर लिया है। हेलीकॉप्टर सेवाएं देने वाली कंपनी पवन हंस केंद्र सरकार और पब्लिक सेक्टर की कंपनी ONGC (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन) का ज्वाइंट वेंचर है। इसमें सरकार के पास 51 फीसदी और ONGC के पास 49 फीसदी हिस्सेदारी है। हालांकि ओएनजीसी ने पहले ही कह दिया था कि सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए जिसे चुनेगी, वह भी उस बोलीकर्ता को उसी मूल्य और शर्तों पर अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार है।