Petrol-Diesel Prices: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती को लेकर केंद्र सरकार फिलहाल किसी भी जल्दबाजी में नहीं है। सरकार से जुड़े सूत्रों ने CNBC-TV18 को बताया कि भू-राजनीतिक स्तर पर अनिश्चितता को देखते हुए सरकार फिलहाल ‘वेट एंड वॉच’ यानी देखो और इंतजार करने की रणनीति अपना रही है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार की नजर ग्लोबल घटनाओं पर टिकी है। अमेरिका ने रूसी क्रूड ऑयल पर प्रतिबंध बढ़ाने के संकेत दिए हैं। जब तक ग्लोबल परिस्थितियां और ज्यादा स्पष्ट नहीं होतीं, तब तक फ्यूल के दाम में राहत की कोई संभावना नहीं है।
सूत्रों ने कहा, "पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत पर कोई भी फैसला लेने से पहले बहुत कुछ स्पष्ट करना होगा।" उन्होंने कहा कि अभी के लिए सरकार इंतजार करना और हालात पर नजर बनाए रखना ज्यादा सही मान रही है।”
रूस से सस्ते तेल की सप्लाई बनी हुई है अहम
हालांकि, अमेरिका की ओर से सस्ते रूसी तेल पर 500% तक टैरिफ लगाने की चेतावनी ने स्थिति को और उलझा दिया है। इससे भारत समेत कई देशों के लिए रूसी तेल खरीदना जटिल हो सकता है।
ग्लोबल सप्लाई में कोई कमी नहीं
सूत्रों ने यह भी साफ किया कि ग्लोबल बाजार में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है। OPEC देशों ने अपनी सप्लाई में 12 लाख बैरल प्रति दिन की बढ़ोतरी की है। भारतीय ऑयल कंपनियों के पास वैकल्पिक स्रोतों से कच्चा तेल मंगाने की क्षमता है। लेकिन अगर ग्लोबल प्रतिबंध सख्त होते हैं, तो रूस जैसे सस्ते डील्स तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है।
कीमतों पर सरकार की रणनीति स्पष्ट
अब तक सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर कोई तात्कालिक हस्तक्षेप नहीं किया है। सूत्रों का कहना है कि जब तक ग्लोबल स्तर पर स्थिति और नीतिगत दिशा स्पष्ट नहीं होती, तब तक सरकार घरेलू बाजार में कीमतों को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जाएगा।
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